जयललिता का निधन तो 2 बजे ही हो गया था, तो क्या शशिकला ने किया खेल !

Update: 2016-12-07 22:04 GMT

नई दिल्ली : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक निजी न्यूज़ चैनेल के मुताबिक अन्‍नाद्रमुक के भीतर के सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शशिकला नटराजन ने जया की मौत को कुछ घंटों तक दबा के रखा। ऐसा इस लिए किया गया ताकि वो अपने हिसाब से नए नेतृत्व का गठन कर सकें।

न्यूज़ चैनेल के मुताबिक रविवार शाम 7.30 बजे जयललिता को दिल का दौरा पड़ा। इसके तक़रीबन तीन घंटे बाद, पार्टी विधायकों और मंत्रियों को बताया गया कि जयललिता की माइनर सर्जरी होनी है। इसके बाद सोमवार सुबह 4 बजे बताया गया कि अम्मा को सर्जरी के बाद आईसीयू में ले जाया गया है। लेकिन इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया की शशिकला और पूर्व नौकरशाह शीला बालाकृष्‍णन के आलावा कोई भी अम्मा के पास न जा सके।

इसके बाद कुछ विधायकों को पता चला कि पूरी रात ईसीएमओ (एक्‍स्‍ट्राकॉर्पिरियल मेम्‍ब्रेन ऑक्‍सीजेनेशन) डिवाइस को इंस्‍टॉल करने के लिए जद्दोजहद चलती रही थी, आपको बता दें ईसीएमओ दिल और फेफड़ों के सुचारू ढंग से काम करने के लिए लगाया जाता है।

शशिकला ने विधायकों और मंत्रियों को दिया शादे कागज पर हस्‍ताक्षर करने का आदेश ...

शशिकला ने दिया विधायकों को आदेश

इसकी अगली सुबह, अपोलो हॉस्पिटल के बेसमेंट में पार्टी के सभी विधायकों और मंत्रियों को बुलाया गया। कथित तौर पर शशिकला ने उन सभी को तीन सादे ए-4 पेपर पर अपने हस्‍ताक्षर करने का आदेश दिया, जिनपर उनके नाम के सिवा कुछ नहीं था। सभी ने अपने नाम के आगे हस्‍ताक्षर किए। शशिकला ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि इन पेपरों को वो कहाँ प्रयोग करने वाली हैं। इस दौरान सभी से रजिस्‍टर पर भी हस्‍ताक्षर कराए गए ताकि साबित हो सके कि पार्टी की बैठक हुई थी।

आपको याद होगा कि सबसे पहले दोपहर 2 बजे खबर आई थी कि अम्मा नहीं रहीं। जब ये बात विधायक जान पाए तो वो रोने लगे। इसके बाद सभी मंत्रियों और विधायकों को पार्टी कार्यालय में शाम 6 बजे मिलने को कहा गया। जब ये सभी वहां पहुचें तो पन्‍नीरसेल्‍वम सहित 5 मंत्री वहां से गायब थे। इस दौरान जो लोग पार्टी कार्यालय में थे उन्होंने बताया की उनके हिसाब से ये सभी शशिकला के साथ थे और ये निर्णय ले रहे थे की आगे क्या करना है।

चिट्ठी में लिखा पन्‍नीरसेल्‍वम होंगे अगले सीएम...

पन्‍नीरसेल्‍वम होंगे अगले सीएम

इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदला और रात करीब 11 बजे पांचों मंत्री पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां पार्टी चेयरमैन, मधुसुधानन को सिर्फ एक लाइन की चिट्ठी दी गयी जिसमें लिखा था कि ओ पन्‍नीरसेल्‍वम अगले सीएम होंगे। सभी मंत्रियों को बसों में बिठाकर राजभवन ले जाया गया, वहां शपथ ग्रहण की पूरी तैयारी थी सभी औचारिकता पूरी थी। इसके लगभग आधे घंटे बाद यानी 12.40 पर जयललिता को मृत घोषित कर दिया गया। राजभवन में ही मंत्रियों को इस बारे में पता चला और वो रोने लगे। इसके बाद क्या हुआ ये सभी को पता है कि कैसे शशिकला ने अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।

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तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता (अम्‍मा) के निधन के बाद हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक एआईएडीएमके (AIADMK) चीफ जयललिता अपनी बीमारी से बहुत पहले ही अपना उत्तराधिकारी तय कर चुकी थीं। जैसे एमजीआर ने जया को राजनीति समझने का मौका दिया वैसे ही अम्मा अपने उत्तराधिकारी को मौका देना चाहती थी। उनकी वसीयत पार्टी के कुछ खास नेताओं के पास ही है और समय आने पर नाम जनता के सामने लाया जाएगा।

जयललिता को अपनी जानलेवा बीमारी के बारे में बहुत पहले से ही पता था। इसलिए उन्होंने पहले ही वसीयत तैयार करवा ली थी जिसमें उनकी अपनी संपत्ति और पार्टी के बारे में विस्तार से बताया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ये अम्मा की ही मर्जी थी की उनकी मौत के बाद ही पन्‍नीरसेल्वम सबसे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ लें। ताकि पार्टी में कोई विवाद पैदा न हो, जैसा एमजीआर की मौत के बाद उनमें और एमजीआर की पत्नी के बीच हुआ था। जब तक चुनाव नहीं होते पन्‍नीरसेल्वम सरकार और शशिकला पार्टी को अपने हाथ में रखे और जब अगला विधानसभा चुनाव आए तो, अम्मा के उत्तराधिकारी को जनता के सामने खड़ा कर दिया जाए।

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कौन हो सकता है जयललिता का उत्‍तराधिकारी

सूत्रों ने जो नाम बताया है वो किसी नेता का नहीं है बल्कि जया जैसे ही तमिल फिल्म इंडस्ट्री से है। जिसने जया की तरह ही संघर्ष कर अपना स्थान बनाया और अब फैंस के दिलो में राज भी कर रहा है।

सूत्रों से हमें मिली जानकारी के मुताबिक तमिल सुपर स्टार अजित कुमार ही अम्मा के उत्तराधिकारी हैं। जयललिता को करीब से जानने वाले कहते हैं कि उन्होंने कभी भी किसी को अपनी निजी जिंदगी में प्रवेश नहीं करने दिया। इसलिए कोई भी ये नहीं कह सकता कि उनके दिल में क्या था। वो जब भी कोई निर्णय लेती तो किसी से सलाह नहीं लेती थी और न ही किसी को बताती की वो क्या करने वाली हैं। हो सकता है उन्होंने ऐसा कुछ किया हो क्योंकि अजीत के साथ उनके रिश्ते काफी अच्छे थे। पहला मौका था जब अम्मा किसी की शादी में गयी और इतनी देर तक रुकी, वो कोई और नहीं अजित ही थे।

अजित ही थे जो उनसे कभी भी मिल सकते थे वर्ना उन्होंने तो अपनी सगी भतीजी और उसके पति को 2 घंटे घर के बाहर खड़ा रखा और फिर भी नहीं मिली।

 

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