Satya Pal Malik: जयंत चौधरी के पाला बदलने पर भड़के सत्यपाल मलिक, कहा-उनमें पार्टी चलाने का माद्दा नहीं, पीएम मोदी के फैसले की तारीफ

Satya Pal Malik on Jayant Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के मोदी सरकार के ऐलान का उन्होंने स्वागत किया। उन्होंने यह बड़ा कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-12 13:29 IST

Satyapal Malik angry over Jayant Chaudhary (photo: social media )

Satya Pal Malik on Jayant Singh: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी के एनडीए में जाने की चर्चाओं पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि मैं जयंत चौधरी के प्रति अच्छी धारणा रखता हूं मगर यह सच्चाई है कि उनमें पार्टी चलाने का मतदा नहीं है। वे संघर्ष की राजनीति नहीं करना चाहते और आराम की राजनीति के लिए उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया है।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के मोदी सरकार के ऐलान का उन्होंने स्वागत किया। उन्होंने यह बड़ा कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद कई राज्यों में भाजपा को बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है।

जयंत चौधरी में संघर्ष की ताकत नहीं

पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं मौजूद दौर के सभी नेताओं को देख रहा हूं और इनमें से कोई भी नेता जनता से जुड़े मुद्दों पर लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर नहीं है। मलिक ने कहा कि सभी तिकड़म की राजनीति करने में जुटे हुए हैं और अब जयंत चौधरी का नाम भी ऐसे नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी में संघर्ष करने की ताकत नहीं है। आराम की राजनीति करने के लिए उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया है। मलिक ने कहा कि यदि मैं जयंत की जगह होता तो लड़ाई लड़ने को प्राथमिकता देता। मुझे जयंत चौधरी के फैसले से काफी अफसोस हुआ है।

हालांकि इसके साथ ही पूर्व राज्यपाल ने यह भी कहा कि जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने पर आरएलडी को फायदा होगा। वे नौजवान हैं, उनके लिए अच्छी धारणा रखता हूं,लेकिन वह पार्टी नहीं चला सकते। उस तरह का माद्दा उनमें नहीं है। पार्टी चलाने के लिए एक संघर्षशील व्यक्ति की जरूरत होती है मगर जयंत का तेवर संघर्ष करने वाला नहीं है।

सपा-रालोद का रिश्ता व्यवहारिक नहीं

सपा और रालोद के रिश्तों पर टिप्पणी करते हुए पूर्व राज्यपाल ने कहा कि दोनों दलों का गठबंधन कभी व्यवहारिक नहीं था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों के बीच समाजवादी पार्टी के छवि कभी भी अच्छी नहीं रही है। इसके साथ ही सपा की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान लोकदल को जितनी सीटें दी जा रही थीं, उसे लेकर भी जाट नेता नाराज दिख रहे थे। सपा और रालोद नेता लंबे समय से एक-दूसरे के खिलाफत करते रहे हैं और इसलिए दोनों दलों का गठबंधन लोगों के गले नहीं उतर रहा था।

चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले की तारीफ

मलिक ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए पीएम मोदी को बधाई देना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान इस फैसले का असर दिखेगा। चौधरी चरण सिंह की लोकप्रियता अभी भी बनी हुई है और उनसे जुड़ा हुआ वोटर अब नरेंद्र मोदी के प्रति सॉफ्ट रवैया रखेगा।

भाजपा को होगा बड़ा सियासी फायदा

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से जाट मतदाताओं पर ज्यादा नहीं तो कुछ असर तो जरूर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में चौधरी चरण सिंह को मानने वाले मतदाता अब भाजपा को समर्थन देने के लिए आगे आ सकते हैं। मुझे इस बात का पहले से ही अंदाजा था कि पीएम नरेंद्र मोदी चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का सम्मान देकर तुरुप का पता चल सकते हैं। मैंने चौधरी चरण सिंह के साथ लंबे समय तक काम किया है। इसलिए मेरा मानना है कि सरकार ने सही फैसला लिया है।

सरकार ने पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला किया जो कि चरण सिंह के बराबर कद वाले नेता नहीं थे। ऐसे में चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान देना जरूरी था और इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने जाट मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चौधरी साहब को यह सम्मान देने में देरी की गई है। वे इस सम्मान के बहुत पहले से ही हकदार थे।

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