Savarkar Controversy: वीर सावरकर पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र का बड़ा बयान, राष्ट्रपिता की हत्या में गोडसे का मददगार बताया
Savarkar Controversy:महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी वीर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करके माहौल को गरमा दिया है।
Savarkar Controversy: स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर पिछले कई दिनों से देश का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों सावरकर को अंग्रेजों का एजेंट बताया था जिसे लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस के सहयोगी दलों ने भी राहुल गांधी के बयान पर तीखी आपत्ति जताई है। सहयोगी दलों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को इस तरह का विवादित बयान नहीं देना चाहिए था।
इस बीच महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी वीर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करके माहौल को गरमा दिया है। उन्होंने वीर सावरकर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्या में शामिल होने का बड़ा आरोप लगाया है। तुषार गांधी ने शुक्रवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था। उनके इस बयान को भाजपा ने पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद बताया है।
गोडसे को बंदूक मुहैया कराने में की थी मदद
तुषार गांधी ने वीर सावरकर के संबंध में ट्वीट करते हुए उन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बापू की हत्या के लिए बंदूक खोजने में सावरकर ने नाथूराम गोडसे की मदद की थी। उन्होंने कहा कि सावरकर ने केवल अंग्रेजों की ही मदद नहीं की थी। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में नाथूराम गोडसे की भी मदद की थी।
महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे को एक कारगर बंदूक की जरूरत थी और इस मामले में सावरकर गोडसे के मददगार बने थे। उन्होंने कहा कि बापू की हत्या के दो दिन पहले तक नाथूराम गोडसे के पास हत्या के लिए बंदूक नहीं थी मगर सावरकर की मदद से गोडसे को बंदूक हासिल हुई थी। तुषार गांधी के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताते हुए भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने इस आरोप को पूरी तरह निराधार बताया है।
राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन
तुषार गांधी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने के साथ ही वीर सावरकर पर राहुल के बयान का भी समर्थन किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने सावरकर के संबंध में जो भी बयान दिया है वह निराधार नहीं बल्कि पूरी तरह सच है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में इस बात का सबूत भी मिलता है। इस बात में पूरी तरह सच्चाई है कि सावरकर अंग्रेजों के दोस्त थे और उन्होंने जेल से बाहर आने के लिए अंग्रेजों से माफी भी मांगी थी। उनका कहना था कि राहुल गांधी के बयान को निराधार नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह वाट्सएप यूनिवर्सिटी का ज्ञान नहीं है।
राहुल के बयान पर सियासी माहौल गरम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हाल में वीर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी की थी जिसे लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। राहुल की टिप्पणी पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी आपत्ति जताई थी और कहा था कि ऐसा बयान हमें स्वीकार नहीं है। उन्होंने राहुल की रैली में शामिल होने से भी इनकार कर दिया था। भाजपा और शिंदे गुट ने भी राहुल के बयान पर तीखी आपत्ति जताई थी।
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को एक बार फिर अंग्रेजों का एजेंट बताया था। राहुल का कहना था कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सर मैं आपका नौकर बने रहना चाहता हूं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सावरकर की चिट्ठी भी दिखाई थी। इससे पहले जनजातीय दिवस पर अपने संबोधन के दौरान भी राहुल ने वीर सावरकर पर हमला बोला था। राहुल गांधी इससे पहले भी वीर सावरकर पर हमला बोलते रहे हैं।