SC भी अलगाववादियों को फंडिंग रोकने के पक्ष में, PIL पर बेंच के जजों ने दी राय
नई दिल्लीः कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को मिलने वाले फंड को रोकने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट भी दिख रहा है। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को कोर्ट ने प्राथमिक तौर पर ये राय दी। याचिका में अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा और अन्य खर्चों के लिए धन देने पर रोक की मांग की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। बता दें कि कुछ दिनों से इस तरह की फंडिंग रोकने की मांग सरकार से की जा रही है।
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि हमें भी ऐसा लगता है और यहां बैठे हर व्यक्ति को ऐसा ही लगता है कि अलगाववादी नेताओं की फंडिंग पर रोक लगनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि अलगाववादियों पर हर साल लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इस पैसे को भारत विरोधी गतिविधियों में लगाने की बात सामने आ रही है।
राज्य सरकार की क्या है रिपोर्ट?
-2010 से होटल बिल पर 21 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
-घाटी में इनके लिए होटलों में 500 कमरे बुक रखे जाते हैं।
-2010 से अब तक 26.43 करोड़ की रकम डीजल पर खर्च हो चुके हैं।
-इसके अलावा दिल्ली आने-जाने और विदेश जाने में भी सहूलियतें दी जाती हैं।
फिलहाल फंडिंग रोकने का इरादा नहीं
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार फिलहाल अलगाववादी नेताओं की फंडिंग रोकने का इरादा नहीं रखती। सरकार का मानना है कि अभी ये कदम उठाने से घाटी में हालात बिगड़ सकते हैं। हालांकि, अगले कदम के तौर पर फंड देने पर रोक समेत कई और रोक अलगाववादियों पर लगाने का रास्ता खुला हुआ है। अगर सुप्रीम कोर्ट फंडिंग पर रोक लगाता है, तो सरकार को ये कदम उठाना ही पड़ेगा।