नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को आश्वस्त किया है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर तमाम जरूरी कदम उठाए जाएंगे। प्रद्युम्न हत्याकांड के आलोक में केंद्र सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा गया है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर मौजूदा मानकों समेत अन्य जरूरी उपाय भी किए जाएंगे।
हलफनामे में केंद्र की ओर से कहा गया है कि प्रद्युम्न हत्याकांड के तुरंत बाद सभी राज्यों व संघशासित प्रदेशों को इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है। साथ ही केंद्र ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सभी जरूरी उपाय करने का भरोसा दिलाया है। राज्यों को साफ निर्देश दिया गया है कि स्कूलों में प्रशासनिक व निगरानी संबंधी सर्तकता बनाए रखने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
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मानव संसाधन और विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बच्चों के लिए मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत बाल सुरक्षा अधिकार के लिए विविध क्रियाविधि बतलायी गयी है जिसे अमल में लाने के लिए राज्यों व संघशासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए गए हैं।
केंद्र की ओर से यह भी कहा गया है कि स्कूलों की प्रबंधन कमेटी को भी सशक्त बनाया जाएगा जिसमें बच्चों के माता-पिता व अभिभावक समेत सभी भागीदारों की भूमिका होगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल परिसर बच्चों के लिए सुरक्षित हो। केंद्र सरकार की ओर कहा गया है कि इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय कानून व संयुक्त राष्ट्र की ओर से तय मानकों का भी अनुपालन किया जाएगा।
साथ ही बच्चों के अधिकारों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए मौजूदा कानून के तहत राष्ट्रीय बाल सुरक्षा अधिकार आयोग का भी गठन किया जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुग्राम स्थित रेयान स्कूल में पिछले महीने 8 सितंबर को कक्षा-2 के छात्र सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद देशभर के स्कूली छात्रों के माता-पिता व अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
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प्रद्युम्न के पिता बरुण ठाकुर ने अपने पुत्र को न्याय दिलाने व स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने के लिए एक मुहिम चलाई है। उनके इस मुहिम में उनके अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल व मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन बीरबल झा उनका सहयोग कर रहे हैं। प्रद्युम्न ठाकुर के नाम पर नवस्थापित 'प्रद्युम्न फाउंडेशन' के बैनर तले यह मुहिम चलाई जा रही है।