संदेह के घेरे में पीएफआई और एसडीपीआई, खुफिया एजेंसियो की पैनी नजर

सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में शुरू हुए प्रदर्शन के पीछे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हाथ का आरोप लगा है। उस पर सख्ती के बाद सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के लोगों पर दिल्ली में चल रहे सभी प्रदर्शनों को हवा देने का आरोप है। एसडीपीआई पर कई बार पीएफआई से करीबी का आरोप लगा है।

Update: 2020-02-04 05:40 GMT

नई दिल्ली: सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में शुरू हुए प्रदर्शन के पीछे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हाथ का आरोप लगा है। उस पर सख्ती के बाद सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के लोगों पर दिल्ली में चल रहे सभी प्रदर्शनों को हवा देने का आरोप है। एसडीपीआई पर कई बार पीएफआई से करीबी का आरोप लगा है। इनकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की भी नजर है।

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खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के प्रदर्शनों के लिए करीब 300 युवाओं की फौज खड़ी की गई है। ये युवा व्हाट्स ऐप के जरिये प्रदर्शनों की रूपरेखा तैैयार कर रहे हैं। यूपी में सीएए के नाम पर हुई हिंसा के पीछे भी पीएफआई और एसडीपीआई के लोगों का हाथ सामने आया है। एसडीपीआई के लोग खुद को पीएफआई से अलग बताते हुए राजनीतिक दल का सदस्य होने का दावा करते हैैं। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई पर नकेल कसने के बाद एसडीपीआई पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।

 

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जामिया हिंसा में कांग्रेस नेता आसिफ खान को पूछताछ के लिए बुलाने के बाद जामिया नगर थाने के घेराव के पीछे एसडीपीआई के लोगों का हाथ बताया गया है। इसी के लोगों ने व्हाट्स ऐप पर मैसेज भेजकर लोगों को जल्द थाने पर बुलाया था। थाने पर जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद से ही जांच एजेंसियों के रडार पर एसडीपीआई आई है। सूत्र बताते हैं कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगा तो उसके लोग एसडीपीआई में अपनी गतिविधियां चला सकते हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों संगठन एक-दूसरे के पूरक हैं। एसडीपीआई विश्वविद्यालय के छात्रों को जोड़ रहा हैै। इनमें जामिया के छात्रों की संख्या काफी है। इनकी मदद से ही शाहीन बाग से लेकर दूसरे प्रदर्शनों को खड़ा किया जा रहा है।

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