क्रिकेटरों पर आतंकी हमला: स्टेडियम पहुंचने से पहले बस पर अटैक, सबसे बड़ी घटना
साल 2009 में ये सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच था। इस मैच के लिए तीसरे दिन सुबह श्रीलंकाई टीम बस के जरिये होटल से गद्दाफी स्टेडियम के लिए निकली थी। उसी समय नकाबपोश आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी।
नई दिल्ली। 3 मार्च क्रिकेट की दुनिया में ये बहुत यादगार और काला दिन था। साल 2009 में टेस्ट क्रिकेट के तीसरे दिन सुबह के समय खेल खेलने के लिए स्टेडियम की तरफ जा रही थी। तभी खिलाड़ियों से भरी बस अपनी राह स्टेडियम तक पहुंचने ही वाली थी, कुछ ऐसा हुआ जिसे इतिहास का काला अध्याय रच गया। आज से 12 साल पहले 3 मार्च को जब पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम पर आतंकियों ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पर जानलेवा हमला किया। इस हमले से पूरी दुनिया में शोक था। इसके बाद से ही पाकिस्तान आने वाले कई सालों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी करने को तरस गया।
ये भी पढ़ें... लखनऊ में ताबड़तोड़ फायरिंग: सांसद के बेटे को बनाया निशाना, अब हुआ बड़ा खुलासा
बस पर हमला
साल 2009 में ये सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच था। इस मैच के लिए तीसरे दिन सुबह श्रीलंकाई टीम बस के जरिये होटल से गद्दाफी स्टेडियम के लिए निकली थी। उसी समय नकाबपोश आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। बस ड्राइवर की समझबूझ से किसी तरह श्रीलंकाई क्रिकेटर बच निकलने में कामयाब रहे।
लेकिन इस हमले के दौरान टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा, अजंता मेंडिस, थिलन समरवीरा और थरंगा परावितारना जख्मी हो गए। ये हमला इतना ज्यादा भयावह था कि 6 सुरक्षाकर्मियों और दो सिविलियन समेत कुल 8 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
ये भी पढ़ें...बागी हुए सिद्धू: अपनी ही सरकार को घेरा, बजट से पहले दागे ये सवाल
हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी
ऐसे में हमले को लेकर बाद में इस तरह की खबरें सामने आई कि इस हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी ने अंजाम दिया है। अगस्त 2016 में इस हमले में शामिल रहे तीन आतंकियों को लाहौर में पुलिस ने मार गिराया।
फिर इसके बाद अक्टूबर में इस हमले का मास्टरमाइंड एक मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान ईस्टर्न अफगानिस्तान में मारा गया। क्रिकेट टीम पर इस हमले के बाद दौरा बीच में छोड़कर श्रीलंकाई टीम ने दिसंबर 2019 में फिर से पाकिस्तान का दौरा किया और दो टेस्ट मैचों की इस सीरीज का पाकिस्तान में आतंकी हमले के बाद क्रिकेट की वापसी के तौर पर याद किया गया।
ये भी पढ़ें...शी जिनपिंग की बड़ी तैयारी: अब करेंगे वफादारों की पहचान, छेड़ा ‘शुद्धिकरण’ कैंपेन