सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा के साथ ही जामा मस्जिद में सुरक्षा बल तैनात

अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दरगाह दीवान ने भी लोगों से अपील की है, दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन चिश्ती ने सभी से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है।

Update:2019-11-09 10:25 IST

नई दिल्ली: अयोध्या में विवादित ज़मीन (राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने में कुछ ही वक्त बचा है। इस मसले पर सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता से लेकर संत समाज और सभी समुदाय के धर्म गुरुओं ने भी शांति-व्यवस्था और सौहार्द बनाये रखने की अपील जनता से की है।

इसके साथ ही पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के साथ कई अन्य नेताओं की ओर से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की गई है।

दरअसल, अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ आज 10.30 बजे फैसला सुनाएगी, इस संदंर्भ में देश भर में फैसले से पहले सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं।

खबर है कि अयोध्या राम जन्मभूमि के फैसले से पहले अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है, उन्होंने कहा कि फैसला कुछ भी हो, कोई खुशी न मनाए और न ही कोई निराश हो।

अजमेर के हसन चिश्ती के दरगाह...

इसी कड़ी में अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दरगाह दीवान ने भी लोगों से अपील की है, दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन चिश्ती ने सभी से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है।

आबेदीन ने किया अपील...

आबेदीन ने इस मसले पर कहा है कि देश के मुस्लिम व अन्य धर्म के बाशिंदों को अपनी भावनाओं पर संयम रखते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसले का सम्मान करना चाहिए, फैसला भले ही किसी के भी पक्ष में आए देश में अमन चैन रहना जरूरी है।

बताते चलें कि अजमेर के दरगाह दीवान हमेशा देश के विशेष मुद्दों पर अपने विचार जनता से साझा किया है।

दिल्ली में सुरक्षा के खासे इंतजाम...

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दिल्ली में सुरक्षा के खासे इंतजाम किए गए हैं, आधी रात के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट की ओर जाने वाली भगवान दास रोड को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया और अत्याधुनिक हथियारों से लैस दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आने वाला है। देश में कहीं भी इस फैसले के बाद माहौल खराब न हो इसके लिए कोशिशें हर स्तर पर की जा रही हैं।

दिल्ली में भी इस शुक्रवार जुमे की नमाज के पहले होने वाले बयान में भी कई मस्जिदों के इमामों ने नमाजियों से हर हाल में शांति बनाए रखने की अपील की।

ऐतिहासिक फतेहपुरी...

ऐतिहासिक फतेहपुरी मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले हुए बयान में शाही इमाम डॉ. मोहम्मद मुफ्ती मुकर्रम ने लोगों से कहा कि जो भी फैसला आए उसके बाद यह ध्यान रखना होगा कि माहौल खराब न होने पाए। उन्होंने कहा कि कोई माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है तो उनसे भी होशियार रहने की जरूरत है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अमन और शांति का कायम रहना जरूरी है। लोगों को सड़कों पर जमा होकर बहसें करने की जरूरत नहीं है, ये कानूनी लड़ाई है जो वकील ही लड़ें तो बेहतर है। उन्होंने पुलिस से भी अपील की कि जगह-जगह सुरक्षा बढ़ाई जा रही है तो यह जरूरी है कि फतेहपुरी मस्जिद के बाहर भी थोड़ी सुरक्षा बढ़ाई जाए।

दिल्ली की जामा मस्जिद...

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी बाबरी मस्जिद केस में जल्द आने वाले फैसले पर अपना बयान दिया।

उन्होंने कहा कि वो तमाम सामाजिक, सियासी तंजीमों और उनसे जुड़े लोगों के बयानों पर नजर रख रहे हैं और साथ ही टीवी मीडिया पर होने वाली डिबेटों पर भी नजर है।

उन्होंने कहा कि अब इस केस का फैसला देश की सर्वोच्च अदालत के हाथ में है और सभी से उम्मीद की जाती है कि कानून जो भी कहेगा उसपर सवाल नहीं उठाए जाएंगे।

दिल्ली की और भी कई मस्जिदों में इस तरह का ऐलान किया गया। ओखला इलाके की कई मस्जिदों में जुमे के नमाज से पहले लोगों से अपील की गई कि वे किसी तरह के बहकावे में न आएं और अपने रिश्तेदारों तक भी यह बात पहुंचाएं कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए उसकी इज्जत करें।

लोगों से अपील की गई कि फैसला किसी भी पक्ष में आए न तो लोग सड़कों पर निकलकर खुशी मनाएं और न ही सड़कों पर किसी तरह के विरोध के लिए उतरें। इसी तरह के बयान पुरानी दिल्ली, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के भी की मस्जिदों में भी दिए गए।

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