Jalandhar Byelection 2023: बीजेपी ने अपने पूर्व सहयोगी के घर में लगाई सेंध, दिग्गज अकाली नेता को पार्टी में किया शामिल

Jalandhar Byelection 2023: दिग्गज अकाली नेता चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे इंदर इकबाल अटवाल और जसजीत सिंह अटवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। पंजाब की राजनीति में अटवाल खानदान को बादल परिवार का सबसे करीबी और भरोसेमंद माना जाता था।

Update:2023-04-09 18:18 IST
इंदर इकबाल अटवाल ने भाजपा ज्वाइन की ( सोशल मीडिया)

Jalandhar Byelection 2023: भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों अन्य दलों के कद्दावर नेताओं का आगमन हो रहा है। दक्षिण से लेकर उत्तर तक उन राज्यों में दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जा रहा है, जहां बीजेपी पारंपरिक रूप से कमजोर रही है। रविवार को इस सूची में एक और नेता का नाम जुड़ गया है। भगवा दल ने पंजाब में अपनी पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के घर में बड़ी सेंध लगाई है।

दिग्गज अकाली नेता चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे इंदर इकबाल अटवाल और जसजीत सिंह अटवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। पंजाब की राजनीति में अटवाल खानदान को बादल परिवार का सबसे करीबी और भरोसेमंद माना जाता था। आजादी के बाद से ही चरणजीत सिंह अटवाल अकाली दल के साथ जुड़े रहे हैं। बताया जा रहा है कि अटवाल फैमिली पार्टी में अलग-थलग किए जाने के कारण बादल परिवार से नाराज चल रहे थे।

पंजाब की राजनीति में चरणजीत सिंह अटवाल के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। अटवाल पंजाब विधानसभा के स्पीकर के अलावा लोकसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। उन्हें पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के वफादार लोगों में गिना जाता था। लेकिन जब से सीनियर बादल ने स्वास्थ्य कारणों से बिस्तर पकड़ा और पार्टी की कमान बेटे सुखबीर बादल के हाथ में आई, दोनों परिवार के मधुर रिश्ते में कड़वाहट आ गई। इंदर इकबाल अटवाल ने अकाली लीडरशिप पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
बीजेपी के दिल्ली दफ्तर में हुए शामिल

पूर्व अकाली विधायक इंदर इकबाल सिंह अटवाल ने रविवार को बीजेपी के दिल्ली दफ्तर में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्हें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी और पंजाब एवं दिल्ली के अन्य नेता मौजूद थे। बीजेपी में शामिल होने के मौके पर अटवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लीडरशिप की जमकर सराहना की।

जालंधर से लड़ सकते हैं उपचुनाव

कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी के निधन के कारण जालंधर में उपचुनाव की नौबत आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इंदर इकबाल सिंह अटवाल को यहां से चुनाव मैदान में उतार सकती है। लुधियाना से विधायक रहे अटवाल ने 2019 का लोकसभा चुनाव इस सीट पर दिवंगत संतोख चौधरी के खिलाफ लड़ा था। लेकिन करीबी लड़ाई में हार गए थे। कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में संतोख चौधरी ने 20 हजार वोटों से उन्हें हरा दिया था।

आप और कांग्रेस ने उतारे उम्मीदवार

जालंधर उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अपने उम्मीदवार का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस ने अपनी सीट बचाने की जिम्मेदारी दिवंगत सांसद संतोख चौधरी की पत्नी करमजीत कौर चौधरी को दी है। पार्टी को उम्मीद है कि सहानुभूति की लहर में वो अपना सीट बचाने में कामयाब रहेगी। वहीं, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के ही एक बागी को मैदान में उतारा है। आप ने कांग्रेस से निष्कासित सुशील कुमार रिंकू को टिकट दिया है।

आम आदमी पार्टी पंजाब की सत्ता में आने के बाद दूसरा लोकसभा उपचुनाव लड़ने जा रही है। सीएम भगवंत मान की सीट संगरुर में पिछली बार पार्टी को उपचुनाव में शिकस्त मिली थी। ऐसे में पंजाब सीएम पर जालंधर उपचुनाव में जीत दर्ज कर लोकसभा में पार्टी का फिर से खाता खोलने की जिम्मेदारी है।

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