लॉकडाउन के बाद बढ़ सकता है वर्क फॉर्म होम का ट्रेंड, जानिए क्यों

जब से कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है तब से लॉकडाउन शुरू है । इस महामारी के बीच भी कुछ सेक्टर में काम अब भी बंद नहीं हैं। ये सर्विस सेक्टर अपने कर्मचारियों से वर्क फॉर्म होम ले रहे हैं। लॉकडाउन क दौरान आईटी सेक्टर उलझन में था कि  काम कैसे होगा, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद

Update: 2020-04-26 15:04 GMT

मुंबई: जब से कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है तब से लॉकडाउन शुरू है । इस महामारी के बीच भी कुछ सेक्टर में काम अब भी बंद नहीं हैं। ये सर्विस सेक्टर अपने कर्मचारियों से वर्क फॉर्म होम ले रहे हैं। लॉकडाउन क दौरान आईटी सेक्टर उलझन में था कि काम कैसे होगा, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद अब वर्क फॉम होम के इस बदलाव को बेहतर माना जा रहा है और भविष्य में वह अधिक से अधिक लोगों को घर से ही काम की सुविधा दी जा सकती हैं।

 

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लॉकडाउन अवधि के दौरान 180 अरब डॉलर के आईटी सेक्टर के सामने बिजनेस की निरंतरता को सुनिश्चित करना चैलेंज था। लेकिन अब इसे एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम से जो खर्च और प्रोडक्शन का लाभ का दृश्य उभरा है, उससे सिर्फ आईटी क्षेत्र को ही फायदा नहीं होगा। बल्कि भविष्य में बैंकों की सेवा क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले लोगों की संख्या काफी कम हो जाएगी।

सॉफ्टवेयर निर्यातक टीसीएस के लीड डायरेक्टर राजेश गोपीनाथन स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि दशकों तक आईटी कंपनियों का मॉडल ऐसा था जिसमें कर्मचारी चौकोर छोटे कमरों में बैठकर काम करते हैं। लेकिन लॉकडाउन के बाद यह तेजी से ‘वर्क फ्रॉम होम’ में बदल गया।

बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट कंपनी (WNS) के मुख्य कार्यकारी और नास्कॉम के पूर्व चेयरमैन केशव मुरुगेश ने कहा कि संगठन ने इस चुनौती में तेजी से काम करते हुए अपने सदस्यों को 25 लाख डेस्कटॉप दफ्तरों से कर्मचारियों के घरों तक पहुंचाने में मदद की. इससे कार्य की निरंतरता बनी रही। उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों ने घर से काम करना शुरू किया तो कंपनियों को लागत और दक्षता के मोर्चे पर लाभ दिखने लगा।

 

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वर्क फ्रॉम होम में मुरुगेश ने कहा कि घर से काम काफी अच्छी तरह से हो रहा है। जिस तरह से इसमें दक्षता दिख रही है उससे लगता है कि दीर्घावधि में डब्ल्यूएफएच (वर्क फ्रॉम होम) का काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। टीसीएस के मुख्य परिचालन अधिकारी एन गणपति सुब्रमण्यम ने हाल में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि 2025 तक उसके सिर्फ 25 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय से काम करेंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी ने इस लक्ष्य को कब तय किया है।

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