Sexual Assault on Dead Body: मुर्दाघरों में लाशों के साथ सेक्स!

Sex with Dead Bodies: हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि "महिलाओं के शवों के खिलाफ अपराध" को रोकने के लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के मुर्दाघरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

Update:2023-06-03 17:25 IST
Sex with Dead Bodies (photo: social media )

Sex with Dead Bodies: इंसान कितना नीचे गिर सकता है, इसकी शायद कोई सीमा नहीं है। जरा सोचिए, मुर्दाघरों यानी मोर्चरी में रखी लाशों के साथ सेक्स! जी हां मुर्दाघरों के अटेंडेंट यही करते थे।

ये वाकया है कर्नाटक का। हत्या और शव के साथ सेक्स (नेक्रोफिलिया) के एक मामले की सुनवाई करते हुए, कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा है कि - "यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि अधिकांश सरकारी और निजी अस्पतालों में जहां मृत शरीर, विशेष रूप से युवा महिलाओं के शवों को मुर्दाघर में रखा जाता है, वहां के अटेंडेंट शव के साथ सेक्स करते हैं”

सीसीटीवी लगाने का आदेश

हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि "महिलाओं के शवों के खिलाफ अपराध" को रोकने के लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के मुर्दाघरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक सरकार को छह महीने का समय दिया गया है।

कोई कानून नहीं

न्यायमूर्ति बी वीरप्पा और न्यायमूर्ति वेंकटेश नाइक की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि - दुर्भाग्य से भारत में, नेक्रोफिलिया के खिलाफ कोई विशिष्ट कानून नहीं है। केंद्र सरकार को भारत में नेक्रोफिलिया के अपराधीकरण के लिए एक नया कानून बनाना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने आईपीसी की धारा 376 के तहत आरोपित एक व्यक्ति को बरी कर दिया क्योंकि 'बलात्कार' के कानून में मृत शरीर के साथ संभोग करने के आरोपी को दोषी ठहराने के लिए खंड नहीं है। आरोपी ने पहले महिला की हत्या की थी और फिर उसके शरीर के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। हालांकि अदालत ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आरोपी को कठोर आजीवन कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की पुष्टि की।

क्या कहा कोर्ट ने

डेड बॉडी के साथ सेक्स के बारे में आरोप पर कोर्ट ने पूछा - क्या यह भारतीय दंड संहिता की धारा 375 या धारा 377 के तहत एक अपराध है? भारतीय दंड संहिता की धारा 375 और 377 के प्रावधानों को ध्यान से पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि मृत शरीर को मानव या व्यक्ति नहीं कहा जा सकता है। जिससे भारतीय दंड संहिता की धारा 375 या 377 के प्रावधान आकर्षित नहीं होंगे। इसलिए, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडनीय कोई अपराध नहीं है।

यूके और कनाडा सहित कई देशों के उदाहरणों का हवाला देते हुए, जहां नेक्रोफिलिया और शवों के खिलाफ अपराध दंडनीय आपराधिक अपराध हैं, हाईकोर्ट ने सिफारिश की कि ऐसे प्रावधान भारत में लाए जाएं।

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