हिंसक हुआ शाहीन बाग प्रदर्शन: महिलाओं से धक्का मुक्की, ये सभी रास्ते बंद

देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग से CAA का प्रदर्शन अब शहर के कई इलाकों में होने लगा है। अब प्रदर्शनकारी शाहीन बाग, जाफराबाद और चांद बाग के बाद रविवार को मालवीय नगर के हौज रानी इलाके में भी CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने विरोध मार्च निकाला है।

Update:2020-02-24 09:38 IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग से CAA का प्रदर्शन अब शहर के कई इलाकों में होने लगा है। अब प्रदर्शनकारी शाहीन बाग, जाफराबाद और चांद बाग के बाद रविवार को मालवीय नगर के हौज रानी इलाके में भी CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने विरोध मार्च निकाला है।

दिल्ली के DCP अतुल ठाकुर ने बताया कि बिना किसी अनुमति के मालवीय नगर के हौज रानी इलाके में मार्च का आयोजन किया गया। कई स्थानों पर ट्रैफिक को ब्लॉक करने की कोशिश भी की गई। मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर धक्‍कामुक्‍की भी की।

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DCP अतुल ठाकुर कराएंगे लाठीचार्ज के आरोप की जांच

DCP ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मौखिक और शारीरिक रूप से पुलिसकर्मियों और महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और महिला पुलिसकर्मियों को बैरिकेड की ओर धकेल दिया। उनसे हाथापाई भी की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस पर आरोप लगाया गया है कि महिला पुलिसकर्मियों को धक्का देने के बाद पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया। DCP ने इस आरोप की भी जांच कराने की बात कही।

यातायात बाधित करने की कोशिश

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर यातायात को बाधित करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों को मना लिया गया और बाद में वे वापस धरना स्थल पर लौट आए। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने अत्यधिक संयम और दृढ़ता के साथ इस निरंतर दुर्व्यवहार का सामना किया। वैसे तो, प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसवाले घायल हो गए। मामले में कानून के अनुसार उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है।

शाहीन बाग ने चल रहे प्रदर्शन पर SC में 24 फरवरी को होगी सुनवाई

अब शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर SC में सोमवार 24 फरवरी को सुनवाई होने जा रही है। इससे पहले SC द्वारा नियुक्त वार्ताकार दो बार वहां जा चुके हैं। वहीं, एक अन्य वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह ने इस मामले में एक हलफनामा भी दायर किया है। अपने हलफनामे में हबीबुल्लाह ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को आरोपी बताया है। आपको बता दें, 15 दिसंबर से दिल्ली के इस इलाके में मुस्लिम महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। इस मामले में कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किया है। वहां चल रहे प्रदर्शनों से दिल्लीवासियों को काफी दिक्कत हो रही है।

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सरकार ने नहीं की कोई पहल

इस हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के लिए कोई पहल नहीं की है। इस मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो वार्ताकार नियुक्त किया है। जिनमें संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन का नाम शामिल है। साथ ही वजाहत हबीबुल्‍लाह को वार्ताकारों का सहयोगी बनाया गया है।

दिल्ली से नोएडा और फरीदाबाद के बीच ट्रैफिक प्रभावित

प्रदर्शन से दिल्‍ली को नोएडा और फरीदाबाद से से जोड़ने वाली सड़क पर ट्रैफिक बंद पड़ा हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस मामले में दायर हलफनामे में पुलिस पर कई सवाल उठाए गए हैं। वार्ताकार का कहना है कि पुलिस ने वैसी जगहों को ब्लॉक कर रखा है, जहां इसकी जरूरत नहीं है। जिस वजह से अफरा तफरी का माहौल है।

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