शरद बोबडे: इनके सवालों के आगे नहीं टिकते बड़े-बड़े वकील, आज लेंगे CJI की शपथ
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े भारत के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) होंगे। वह वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की जगह 18 नवम्बर को पद ग्रहण करेंगे।
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े भारत के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) होंगे। वह वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की जगह 18 नवम्बर को पद ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 18 महीने का होगा। वह राम मंदिर मामले की सुनवाई करने वाली स्पेशल बेंच में भी शामिल थे।
बता दे कि भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने परंपरा के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम जज के रूप में न्यायमूर्ति बोबडे के नाम की सिफारिश की थी।
साल 2000 से दे रहे सेवाएं
न्यायमूर्ति बोबडे साल 2000 से न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। जस्टिस बोबडे अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में बॉम्बे उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने थे। उन्हें अक्टूबर 2012 में 39वें मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया गया था।
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कौन हैं जस्टिस बोबड़े
महाराष्ट्र् के नागपुर में 24 अप्रैल, 1956 को जन्मेच जस्टिस एसए बोबडे सुप्रीम कोर्ट के जज हैं। वे महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई और महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर भी हैं। उनके पिता का नाम अरविंद श्रीनिवास बोबडे है।
उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। एसए बोबडे 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ में अपर न्यायाधीश बने थे।
एसए बोबडे ने 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था। 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट में उन्हें पदोन्नात किया गया। उनका कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 को खत्म होगा।
बाइक राइडिंग का शौक
जस्टिस बोबडे को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि वह वकीलों से ज्यादा से ज्यादा सवाल करते हैं और अदालत में मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी कराने की कोशिश करते हैं।
जस्टिस बोबडे को बाइक राइडिंग और डॉग बेहद पसंद हैं। जस्टिस बोबडे जब घर पर होते हैं तो ज्यादा से ज्यादा समय अपने पालतू कुत्ते के साथ बिताना पसंद करते हैं।
इसके साथ ही उन्हें जंगलों में घूमने का भी काफी शौक है। जस्टिस बोबडे अक्सर बुलेट चलाते दिख जाते हैं। खाली वक्त में जस्टिस बोबडे को किताबें पढ़ने का शौक है।
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इन महत्वपूर्ण फैसलों में निभाई भूमिका
जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा। जस्टिस बोबडे ने देश के कई बड़े फैसलों में अहम भूमिका निभाई थी। जस्टिस बोबडे आधार कार्ड को लेकर महत्वपूर्ण फैसला देने वाली चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच में शामिल रहे हैं। इन्होंने अपने फैसले में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई थी भारतीय, मूल सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा देशभर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच में भी जस्टिस बोबडे शामिल थे।
अयोध्या फैसले में भी जस्टिस बोबडे पांच जजों की बेंच में शामिल थे। सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों से सबसे अधिक सवाल-जवाब जस्टिस बोबडे ने ही किए थे।
जस्टिस बोबडे का अबतक का सफर
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 24 अप्रैल 1956 में नागपुर में पैदा हुए थे। उन्होंने 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद इन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की।
29 मार्च 2000 को वह बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने। 16 अक्टूबर 2012 को जस्टिस बोबडे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 12 अप्रैल 2013 को वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
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