शरद यादव ने कहा- सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में खत्म किया जा रहा है आरक्षण

Update: 2016-06-12 15:08 GMT

नई दिल्ली: आरक्षण को लेकर एक बार फिर बवाल मच सकता है। जेएनयू, बीएचयू और हैदराबाद जैसे कई सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण कोटा सही तरीके से नहीं लागू किया जा रहा है। यह आरोप जेडीयू नेता शरद यादव ने लगाया है। उन्होंने इस बारे में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को लेटर भी लिखा है।

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केंद्रीय मंत्री को लिखे लेटर में उन्होंने कहा है कि सरकार से अनुदान पाने वाले सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में सभी स्तरों पर ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है। सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर स्तर के पदों के लिए तो इसका बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा है। यद्यपि कुछ संस्थानों में ओबीसी आरक्षण को हर स्तर पर लागू किया जा रहा है। लेकिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यह सहायक प्रोफेसर के स्तर तक ही लागू किया जा रहा है। यह नियमों के खिलाफ है।

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शरद यादव ने कहा कि सही तरीके से आरक्षण लागू नहीं होने के कारण जेएनयू, बीएचयू और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ओबीसी का एक भी प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है। शरद यादव ने कहा कि ओबीसी की नियुक्ति में 'उपयुक्त पात्र नहीं पाया' वाले प्रावधान का इस्तेमाल कर पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने आरक्षण व्यवस्था के इस प्रावधान को खत्म करने की मांग की है।

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