शिवसेना का हिन्दुत्व, भाजपा के हिन्दुत्व से अलग: आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने एक नयी किताब में कहा है कि हिन्दुत्व शिवसेना की विचारधाराओं में एक है, लेकिन यह "भाजपा के हिन्दुत्व से अलग है।" छात्र-कार्यकर्ता गुरमेहर कौर की लिखी किताब "द यंग एंड द रेस्टलेस", उमर अब्दुल्ला, सचिन पायलट, आदित्य ठाकरे और शेहला राशिद समेत देश के युवा नेताओं के साक्षात्कारों की एक श्रृंखला है।
नई दिल्ली: युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने एक नयी किताब में कहा है कि हिन्दुत्व शिवसेना की विचारधाराओं में एक है, लेकिन यह "भाजपा के हिन्दुत्व से अलग है।" छात्र-कार्यकर्ता गुरमेहर कौर की लिखी किताब "द यंग एंड द रेस्टलेस", उमर अब्दुल्ला, सचिन पायलट, आदित्य ठाकरे और शेहला राशिद समेत देश के युवा नेताओं के साक्षात्कारों की एक श्रृंखला है।
ठाकरे ने किताब में कहा है, "... आमतौर पर, शिवसेना जैसी पार्टी को दक्षिणपंथी माना जाता है, इसलिए क्योंकि हम हिंदुत्व को मानते हैं, और यह हमारी विचारधाराओं में से एक है। लेकिन यह भाजपा का हिन्दुत्व नहीं है, उससे बहुत अलग है।"
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उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा मध्यमार्गी हिन्दुत्व की है, लेकिन यह दक्षिणपंथी मध्यमार्गी है। उन्होंने कहा कि हम व्यावहारिक हैं और रात के समय घूमने की आजादी, इलेक्ट्रिक बसों और प्लास्टिक प्रदूषण जैसी चीजों के बारे में बात कर रहे हैं। आप जानते हैं, हम कुछ अलग तरह की बात कर रहे हैं।
युवा सेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि वह महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के अगुवा रहे हैं और लोग मुंबई में रात के समय भी आजादी से घूम सकें, इसके लिये कोशिशें कर रहे हैं। आदित्य की पार्टी ने लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा है। उन्होंने किताब में कई ऐसे मुद्दों पर पार्टी की राय रखी जो भाजपा से अलग हैं, इनमें "भीड़ द्वारा हत्या'' और लोगों को राष्ट्र-विरोधी कहने का मुद्दा शामिल है।
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उन्होंने कहा, "उदाहरण के तौर पर कहूं...हम भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ बोले हैं। हमारा हिंदुत्व, राष्ट्र के प्रति प्रेम है और उसमें यह भी है कि अगर आप सरकार के खिलाफ बोलते हैं तो आप राष्ट्र विरोधी नहीं हैं।" आदित्य (28) ने पुस्तक में कहा, "आपको सरकार से सवाल करने का अधिकार है और हर चीज को लेकर ऐसा करते रहना चाहिये।"
धर्म की राजनीति और हिंदुत्व को किसी प्रकार के खतरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जैसाकि "भाजपा हर चुनाव से पहले" दावा करती है, इस पर मेरा सीधा जवाब है कि "मुझे नहीं लगता कि सरकार को धर्म की चिंता करनी चाहिये।"
भाषा