गुड न्यूज! आ रही कोविड की नई-दमदार वैक्सीन, कोवोवैक्स की उम्मीद बढ़ी

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बड़ी घोषणा में कहा है कि कंपनी ने भारत में नोवावैक्स के साथ साझेदारी में एक और कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल को शुरू करने के लिए आवेदन किया है और एसआईआई जून 2021 तक कोवैक्स लॉन्च करने की उम्मीद करती है।

Update: 2021-01-30 12:58 GMT
गुड न्यूज! आ रही कोविड की नई-दमदार वैक्सीन, कोवोवैक्स की उम्मीद बढ़ी

वाजपेयी रामकृष्ण

लखनऊ: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बड़ी घोषणा में कहा है कि कंपनी ने भारत में नोवावैक्स के साथ साझेदारी में एक और कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल को शुरू करने के लिए आवेदन किया है और एसआईआई जून 2021 तक कोवैक्स लॉन्च करने की उम्मीद करती है।

यह घोषणा के नोवावैक्स इंक के दावे के एक दिन बाद आई है जिसके मुताबिक यूनाइटेड किंगडम में आयोजित एक परीक्षण में COVID-19 को रोकने के लिए इसका टीका 89.3 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है और संक्रमण से प्रभावित होने से बचाने के लिए लगभग सबसे अधिक प्रभावी था। इस टीके को पहले ब्रिटेन में खोजा गया था।

जून 2021 तक हो सकती है लॉन्च

पूनावाला ने ट्विटर पर कहा कि कोरोनोवायरस वैक्सीन के लिए नोवाक्स के साथ एसआईआई की साझेदारी ने बेहतरीन प्रभावकारी परिणाम दिए हैं। उन्होंने ट्वीट किया है “नोवैक्स के साथ COVID-19 वैक्सीन के लिए हमारी साझेदारी ने भी उत्कृष्ट प्रभावकारिता परिणाम दिये हैं। हमने भारत में परीक्षण शुरू करने के लिए भी आवेदन किया है। जून 2021 तक COVOVAX लॉन्च करने की उम्मीद!"



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परीक्षण शुरू करने की योजना

नोवावैक्स पहले से ही छह ऑपरेटिंग मैन्युफैक्चरिंग स्थानों पर वैक्सीन का स्टॉक कर रहा है। उसने कहा कि वह सात देशों के कुल आठ प्लांटों में इसका उत्पादन शुरू होने की उम्मीद करता है, जो प्रति वर्ष 2 बिलियन खुराक की दर से उत्पादित होगा, इन प्लांटों में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी शामिल है। नोवावैक्स ने कहा कि उसने जनवरी की शुरुआत में उभरते वायरस वेरिएंट से बचाने के लिए अपने वैक्सीन के नए एडीशन बनाना शुरू कर दिये हैं। आने वाले दिनों में बूस्टर डोज के लिए उपयुक्त लोगों का चयन शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि वह इस साल की दूसरी तिमाही में इन नए टीकों का नैदानिक परीक्षण शुरू करने की योजना बना रही है।

16 जनवरी से भारत में हो चुकी है शुरुआत

पुणे स्थित फर्म ने एस्ट्राजेनेका कोविशिल्ड वैक्सीन का उत्पादन किया है, जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित है। केंद्र ने वैक्सीन की 11 मिलियन खुराकें खरीदी हैं, जिसे भारत में कोविशिल्ड के रूप में भी जाना जाता है। भारत ने 16 जनवरी को कोविड -19 के खिलाफ अपने सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की और लगभग 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन कर्मचारी पहली पंक्ति में हैं।

SII ने पिछले साल घोषणा की थी कि उसे 2021 की पहली छमाही में कोविड -19 टीकों की लगभग 200 मिलियन खुराक की आपूर्ति करने के लिए बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से धन प्राप्त हुआ था। इसमें कोविशिल्ड और एक और कोविड -19 वैक्सीन दोनों की खुराक शामिल है। भारत ने एक साल पहले 30 जनवरी, 2020 को नोबल कोरोनावायरस संक्रमण के अपने पहले मामले का पता लगाया था। एक साल बाद, ये महामारी कई अमेरिकी और यूरोपीय देशों में जारी है जबकि भारत बाहर निकलने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। नए मामलों की संख्या में पिछले चार महीनों से लगातार गिरावट आ रही है।

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