स्वास्थ्य मंत्री बोले- सामाजिक दूरी सबसे कारगर दवा, हुईं एक लाख से ज्यादा कोरोना जांचें

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा है कि बंद और सामजिक दूरी इस वायरस की सबसे कारगर दवा है।

Update: 2020-04-11 14:16 GMT

नई दिल्ली: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। देश में इस वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की है। जिसकी समयावधि ख़तम होने में सिर्फ 3 दिन शेष हैं। ऐसे में अब लॉकडाउन को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा है कि बंद और सामजिक दूरी इस वायरस की सबसे कारगर दवा है।

बंद और सामजिक दूरी सबसे कारगर दवा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का मनना है कि बंद और सामाजिक दूरी कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वर्तमान में मौजूद सबसे ज्यादा कारगर 'सामाजिक दवा' है। लेकिन भारत की जनसंख्या को देखते हुए संक्रमण के मामलों की जांच तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हो सकता है कि भारत में जितने लोगों की जांच की जानी चाहिए उसकी तुलना में कम लोगों की जांच हो रही हो। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की जांच पहले की जा रही है जिनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा है।

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देश में प्रतिदिन 20 हजार नमूनों की होती जांच

स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी देते हुए बाताया कि 8 अप्रैल तक भारत में 1,04,764 जाचें हो चुकी हैं और देश में वर्तमान में प्रतिदिन 20 हजार नमूनों की जांच करने की सुविधा है। देश में वेंटिलेटरों की कमी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें संक्रमण कम हैं,15 प्रतिशत मामले गंभीर संक्रमण के हैं, जिनमें ऑक्सीजन की जरूरत है और केवल पांच प्रतिशत मामले नाजुक श्रेणी में आते हैं जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत है।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि संक्रमित लोगों के लिए फिलहाल 17,000 वेंटिलेटर मौजूद हैं। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि आने वाले हफ्तों में 48,538 वेंटिलेटर और खरीद लिए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि सब कुछ लोगों पर निर्भर करता है कि वे कितनी कड़ाई से नियमों का पालन करते हैं। उन्होंने आगाह किया कि किसी भी तरह की लापरवाही सारे प्रयासों को निष्फल कर देगी।

136 सरकारी प्रयोगशालाएं कर रहीं जांच

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स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी से पार पाने की लड़ाई में आने वाले कुछ दिन भारत के लिए बेहद नाजुक हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कोविड-19 संक्रमण की जांच बढ़ाने के सरकार के प्रयासों को विस्तार से बताया और कहा कि भारत की जनसंख्या को देखते हुए जांच की बढ़ाए जाने की जरूरत है। फिलहाल 136 सरकारी प्रयोगशालाएं और 59 एनएबीएल संबद्ध (नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज)निजी प्रयोगशालाएं जांच के काम में लगी हैं।

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