सेना पर बड़ा खुलासा! ऐसी है सैनिकों की हालत, कैग की ये रिपोर्ट बयां करती है दास्तां

रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट में CAG ने इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की स्थापना में हो रही देरी पर भी सवाल उठाए हैं।

Update: 2020-02-04 06:49 GMT

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे खतरनाक सेनाओं में शामिल भारतीय सेना कितनी मुश्किलों में अपना गुजारा करती है, इसका अंदाजा भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक CAG की ताजा रिपोर्ट से लगाया जा सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट में CAG ने इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की स्थापना में हो रही देरी पर भी सवाल उठाए हैं। करगिल रिव्यू कमिटी ने 1999 में ये यूनिवर्सिटी बनाने की सिफारिश की थी।

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बता दें कि कैग की यह रिपोर्ट 2017-18 के दौरान की है। इसमें बताया गया कि सैनिक बेहतर कपड़े और उपकरणों से वंचित रहे हैं। बेसिक फूड आइटम की किल्लत की वजह से सैनिकों को 82 फीसदी तक कम कैलोरी मिली।

भारतीय सैनिकों को आम जरूरत का सामान नहीं मिल पा रहा:CAG

CAG की रिपोर्ट के मुताबिक लेह, लद्दाख, सियाचिन और डोकलाम जैसे ऊंचे व ठंडे क्षेत्रों में दिन रात ड्यूटी पर तैनात भारतीय सैनिकों को आम जरूरत का सामान नहीं मिल पा रहा है। इन दुर्गम जगहों पर तैनात सैनिकों को बर्फ में चलने के लिए जूते, गर्म कपड़े, स्लीपिंग बैग और सन ग्लासेज की गंभीर किल्लत है। यही नहीं जवानों के पास खाने-पीने का जरूरी सामान भी कम है।

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क्यों हुआ ऐसा?

CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना की ईस्टर्न कमांड ने तो ओपन टेंडर सिस्टम के जरिए कॉन्ट्रैक्ट दिया, लेकिन नॉर्दन कमांड में लिमिटेड टेंडरिंग के जरिए खरीद की गई। इस वजह से दिक्कतें हुईं।

सैनिकों की हेल्थ पर पड़ा असर

संसद में पेश रिपोर्ट के मुताबिक, फेस मास्क, जैकेट और स्लीपिंग बैग भी पुराने स्पेसिफिकेशन के खरीद लिए गए। इससे सैनिक बेहतर प्रॉडक्ट का इस्तेमाल नहीं कर पाए। इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ा। साथ ही इससे सैनिकों की स्वच्छता (हाइजीन) भी प्रभावित हुई।

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