Second Taj Mahal : मां की याद में बनाया 5 करोड़ का ‘ताजमहल’

Second Taj Mahal in Tamil Nadu : दिवंगत मां को श्रद्धांजलि देने के लिए एक व्यवसायी ने दूसरा ताजमहल बनवा दिया है। यह ताजमहल बना है तमिलनाडु के एक गांव में। यह असली ताजमहल की हूबहू कॉपी है।

Update: 2023-06-17 09:43 GMT
Second Taj Mahal (photo: social media)

Second Taj Mahal in Tamil Nadu: ताजमहल दुनिया भर में प्रेम का प्रतीक है। इसलिए कोई भी किसी को प्रेम करता है, प्यार करता है तो हक़ीक़त अथवा ख़्वाब में उसके लिए ताजमहल तामीर कराने की ज़रूर सोचता है। कुछ ऐसा ही एक बेटे ने अपनी माँ के लिए किया।

मां से बढ़ कर दुनिया में कुछ नहीं होता। तभी तो अपनी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि देने के लिए एक व्यवसायी ने दूसरा ताजमहल बनवा दिया है। यह ताजमहल बना है तमिलनाडु के एक गांव में। यह असली ताजमहल की हूबहू कॉपी है।

मां की याद में ताजमहल बनवाने वाले शख्स हैं चेन्नई के बिज़नेसमैन अमरुद्दीन शेख। जिनकी मां का निधन 2020 में हो गया था। अमरुद्दीन ने तमिलनाडु के तिरुवरुर ज़िले में स्थित अपने गांव अमैयाप्पन में यह स्मारक बनवाया है।

मां ने ही पालन पोषण किया

अमरुद्दीन शेख दाऊद चेन्नई में चावल का व्यवसाय करते हैं। 2020 में अपनी मां जेलानी बीवी की मृत्यु के बाद से ही अमरुद्दीन उन्हें खास तरह से श्रद्धांजलि देना चाहते थे। 48 वर्षीय अमरुद्दीन ने बताया कि उनके पिता का हार्डवेयर का व्यवसाय था। उनकी असमय मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अमरूदीन शेख की मां ने न केवल उनकी और उनकी चार बहनों की देखभाल की बल्कि कारोबार भी संभाला। अमरुदीन शेख ने कहा कि मां ने "हमें सभी गुणों के साथ पालने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उनके बिना हम कुछ भी नहीं हैं। जब उनकी मृत्यु हुई तो इसने मुझे बहुत हिला दिया।"

अमरुद्दीन शेख ने तब उनके लिए एक मकबरा बनाने का फैसला किया। उन्होंने कहा - "हमने महसूस किया कि उनकी उपस्थिति स्थायी होनी चाहिए। इसलिए अपने परिवार की सहमति से, मैंने अम्मायप्पन में एक एकड़ के भूखंड पर उनके लिए यह मकबरा बनाने का फैसला किया।"

दो साल में बना मकबरा

निर्माण 2021 में शुरू हुआ। ताजमहल से प्रेरित मकबरे को पूरा होने में दो साल लग गए।8,000 वर्ग फुट क्षेत्र में बने परिसर में अमरूदीन शेख की मां की कब्र के अलावा एक मस्जिद और मदरसा भी है। अमरूदीन शेख ने संरचना के ताजमहल के समानता के बारे में बात करते हुए कहा कि यह आकस्मिक विचार था। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ मुगल वास्तुकला के तत्वों के साथ एक इमारत चाहते थे। लेकिन उन्होंने जिस डिजाइनर से परामर्श किया, उसने सुझाव दिया कि उनका विचार ताजमहल के समान था।

80 टन संगमरमर लगा

अमरूदीन शेख ने बताया कि लगभग 80 टन संगमरमर राजस्थान से लाया गया था और स्थानीय मजदूरों ने मिलकर मकबरे का निर्माण किया था। इस मकबरे को 2 जून, 2023 को जनता के लिए खोल दिया गया। सभी धर्मों का इस मिनी ताजमहल में आने के लिए स्वागत है।

जेलानी बीवी का निधन चूंकि अमावसी के अगले दिन हुआ था सो हर अमावस्या पर अमरुद्दीन शेख दाऊद व्यक्तिगत रूप से बिरयानी तैयार करते हैं और एक हजार लोगों को परोसते हैं।

Tags:    

Similar News