MP: 'हिंदुओं को कम से कम 5 संतान पैदा करना चाहिए...सनातन में नहीं है हम दो-हमारे दो', बोले सुमेरु पीठ के शंकराचार्य

Sumeru Peeth Shankaracharya on Hindutva : सुमेरु पीठ के शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा, 'हिंदुत्व लगातार खतरे में जा रहा है। देश में 15 ऐसे राज्य हैं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हो गया है।'

Update: 2023-06-16 16:37 GMT
शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती (Social Media)

Shankrachaya on Hindutva : देश और प्रदेश की सियासत में इन दिनों साधु-संतों की धमक को नकारा नहीं जा सकता। संतों, धर्मगुरुओं, आध्यात्मिक प्रवचन कर्ताओं की भाषा कई बार राजनीति से प्रेरित नजर आती है। 'देश की हृदयस्थली' कहा जाने वाला मध्य प्रदेश आजकल संतों और धर्म गुरुओं की वजह से कुछ ज्यादा ही सुर्ख़ियों में है। भले ही, केंद्र और राज्य सरकार परिवार नियोजन (Family planning) को लेकर नियम-कानून बना चुकी हो लेकिन 'हिंदुत्व खतरे में' का हवाला देते हुए कुछ साधु संत हिंदुओं को अधिक संतान पैदा करने की सलाह दे रहे हैं।

सुमेरु पीठ के शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती (Shankaracharya Narendranand Saraswati) ने अपने बयान में कहा है कि, 'हिंदुओं को कम से कम 5 संतान पैदा करना चाहिए।' इसके लिए उन्होंने कुछ आंकड़े भी पेश किए और बताया, कई राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं। संभव है कि, सुमेरु पीठ के इस बयान के बाद विवाद छिड़ जाए।

सनातन में 'हम दो हमारे दो' की परिकल्पना नहीं

सुमेरु पीठ (Sumeru Peeth) के शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा है कि, 'हिंदुत्व लगातार खतरे में जा रहा है। देश के 15 राज्य ऐसे हैं जहां हिंदू अल्पसंख्यक की श्रेणी में आ गया है। ऐसे में अब आवश्यक हो गया है कि, हिंदू भी पांच-पांच संतान पैदा करें। शंकराचार्य ने कहा, 'सनातन में कभी भी 'हम दो हमारे दो' की परिकल्पना नहीं थी। अगर, ऐसा होता तो राम-लक्ष्मण के साथ भरत-शत्रुघ्न नहीं होते। श्री कृष्ण का जन्म ही इस पावन धरा पर नहीं हो पाता।'

इस्लाम पर भी बोला हमला

शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने अपने संबोधन में इस्लाम (Islam) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 'इस देश में इस्लाम और वक्फ बोर्ड (waqf board) की कोई आवश्यकता नहीं है। सनातन कल भी था, आज भी है और आने वाले कल में भी रहेगा। उन्होंने आगे कहा, जो लोग धर्मांतरण में जुटे हैं ऐसे लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए। इतना ही नहीं उनकी संपत्ति भी सरकार के अधीन होनी चाहिए।'

बीजेपी का सधा बयान- न समर्थन-न ही विरोध

शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती के बयान के बाद सबकी नजर बीजेपी की तरफ घूमी। जैसी संभावना थी, हुआ भी वैसा ही। शंकराचार्य के इस बयान पर सियासत शुरू हो गई। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले पर सधा हुआ बयान दिया। बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, 'साधु-संत यदि कोई बात कहते हैं तो उसके पीछे कोई न कोई वजह होती है। उन्होंने समाज में इस तरह की चीजें देखी होंगी। इसीलिए उन्होंने अपने प्रवचन में ये बातें कही। हालांकि, ये उनके निजी विचार हैं। भाजपा ना तो इसका विरोध करती है और ना ही समर्थन में खड़ी है।

कांग्रेस पूछी- एक बच्चा पालना मुश्किल, 5 कैसे?

हालांकि, कांग्रेस ने शंकराचार्य के बयान के बहाने सत्ताधारी बीजेपी को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट (Congress spokesperson Anand Jat) का कहना है कि, 'जिन सरकारों के राज में धर्मांतरण (conversion) हो रहा है और हिंदू अल्पसंख्यक हो गया ऐसी सरकारों को बदलने का काम जनता को करना चाहिए। कांग्रेस ने कहा, बढ़ती महंगाई में एक बच्चा पालना मुश्किल है, ऐसे में पांच बच्चे कैसे पालेंगे?

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