सुनंदा पुष्कर मौत मामले की जांच में देरी पर दिल्ली पुलिस को फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में हुई मौत की जांच में देरी को लेकर बुधवार को दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई।

Update: 2017-08-30 11:15 GMT
सुनंदा पुष्कर मौत मामले की जांच में देरी पर दिल्ली पुलिस को फटकार

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में हुई मौत की जांच में देरी को लेकर बुधवार को दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि तीन सालों में क्या हुआ?" जस्टिस जी.एस. सिस्तानी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह घटना जनवरी 2014 में हुई और अभी तक पुलिस से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

पीठ ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि आप कहां तक पहुंचे? आपने चीजों को पेचीदा बना दिया है। हमारे लिए यह दूसरे मामलों की तरह ही है। हम जानना चाहते हैं कि तीन सालों में क्या हुआ?"

दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि जांच में देरी नहीं हुई है और तकनीकी जांच उनके हाथों में नहीं है। मामले की जांच में कुछ एजेंसियों के साथ-साथ एम्स भी शामिल है और इस वजह से थोड़ा समय लग रहा है।

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पुलिस की तरफ से पीठ के समक्ष पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा, "मामला वैज्ञानिक जांच पर निर्भर है। एम्स में नमूने तीन बार भेजे गए। अधिकारी लैब रिपोर्ट के लिए अमेरिका भी गए। जांच पूरी होने के करीब है।" सुनंदा पुष्कर (52) दिल्ली के एक होटल के कमरे में 17 जनवरी, 2014 को मृत पाई गई थीं।

कोर्ट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने पुष्कर मौत मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अगुवाई में विभिन्न विशेषज्ञों की विशेष जांच टीम से कोर्ट की निगरानी में कराने का अनुरोध किया है।

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सुनवाई के दौरान स्वामी ने कोर्ट से कहा कि यदि जांच एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंचती हैं कि मौत जहर के कारण हुई तो फिर यह मायने नहीं रह जाता कि जहर किस तरह का था। उन्होंने पीठ से कहा कि वह एसआईटी जांच की निगरानी करे, क्योंकि जहर का पता लगाने का पुलिस का फैसला मामले में 'जानबूझकर देरी की रणनीति' मालूम पड़ती है।

हालांकि कोर्ट ने कहा, "हम जांच की निगरानी नहीं कर रहे। हम बस जानना चाहते हैं कि आप (पुलिस) कहां तक पहुंचे।" कोर्ट ने पुलिस से कहा कि दो सप्ताह बाद मामले की जांच की प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे और मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि निर्धारित की।

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स्वामी ने मामले की निर्धारित समय में जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें 'बहुत प्रभावी लोग शामिल हैं और ऐसे में उन्हें बचाने की कोशिश हो सकती है। साथ ही मामले में पहले ही बहुत अनावश्यक देरी हो चुकी है।'

बीजेपी नेता ने दावा कि मौत से कुछ दिन पहले ही पुष्कर ने एक भ्रष्टाचार मामले का पर्दाफाश करने के लिए संवाददाता सम्मेलन बुलाया था।

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