Supreme Court: जाति व्यवस्था के पुनः वर्गीकरण की मांग पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट, याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना
Supreme Court:इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ही वकालत करने वाले एक वकील सचिन गुप्ता की ओर से दायर किया गया था।
Supreme Court: मंगलवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। दरअसल, शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर जाति व्यवस्था के पुनः वर्गीकरण के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ही वकालत करने वाले एक वकील सचिन गुप्ता की ओर से दायर किया गया था।
याचिका में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत केंद्र की जाति व्यवस्था के पुनः वर्गीकरण के लिए एक नीति तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया।
पीठ ने की तल्ख टिप्पणी
सीजेआई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की पीठ ने याचिका खारिज के दौरन तल्ख टिप्पणी भी की। पीठ ने कहा कि इस तरह की जनहित याचिकाएं बंद होनी चाहिए। यह कानून का दुरूपयोग है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह जनहित याचिका अदालत की प्रक्रिया का दुरूपयोग है। हम इसे खारिज करते हैं और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को 25 हजार रूपये का भुगतान करने का निर्देश देते हैं। याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर भुगतान की रसीद कोर्ट में पेश करनी होगी।
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दूसरी याचिका पर भी ठोका जुर्माना
एडवोकेट सचिन गुप्ता ने जाति व्यवस्था के पुनः वर्गीकरण की मांग वाली याचिका के साथ-साथ आरक्षण व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने संबंधी याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। याचिका में कोर्ट से वैकल्पिक आरक्षण की नीति लागू करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने पहली याचिका की तरह इसे भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसके लिए भी याचिकाकर्ता सचिन गुप्ता पर 25 हजार रूपये का जुर्माना लगाया।