नए संसद भवन पर SC का फैसला: सरकार को राहत, निर्माण को सशर्त मिली मंजूरी

नए संसद भवन के निर्माण के लिए सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी थी। इसी प्रोजेक्ट को लेकर जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया।

Update: 2021-01-05 06:37 GMT

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत नई दिल्ली में विराट नए संसद भवन के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। हालंकि मंजूरी के साथ कुछ शर्ते भी लागू हैं। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी व अन्य अनुमति में कोई खामी नहीं है, ऐसे में सरकार अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है।

सेंट्रल विस्टा परियोजना को कोर्ट ने दी मंजूरी

दरअसल, नए संसद भवन के निर्माण के लिए सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी थी। इसी प्रोजेक्ट को लेकर जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने दो अलग-अलग फैसले दिए हैं। एक फैसला जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी का है और दूसरा फैसला जस्टिस संजीव खन्ना ने दिया।

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कुछ शर्तों के साथ संसद भवन निर्माण की अनुमति

लैंड यूज चेंज करने के आरोप की वजह से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है। हालाँकि कोर्ट ने पर्यावरण कमेटी की रिपोर्ट को भी नियमों को अनुरूप माना।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी व अन्य अनुमति में कोई खामी नहीं है, ऐसे में सरकार अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ सकती है। इसके साथ ही नए संसद के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी भी लेने के निर्देश दिए।

नए संसद भवन निर्मान परियोजना को SC में चुनौती

बता दें कि सरकार ने नए संसद भवन की महात्वकांक्षी योजना का एलान किया तो कई याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गयी। आरोप है कि बिना उचित कानून पारित किए सरकार ने इस परियोजना को शुरू किया। ऐसे में पर्यावरण मंजूरी लेने की प्रक्रिया में भी कमियां दिखीं। याचिका में ये भी कहा गया कि इस प्रोजेक्ट से हजारों करोड़ रुपये का सरकारी धन बर्बाद होगा। वहीं संसद और उसके आसपास की ऐतिहासिक इमारतों को इस परियोजना से नुकसान भी पहुँच सकता है।

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कोर्ट मे की कई दलील खारिज

हालांकि इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत ने इनमें से कुछ दलीलों को खारिज कर दिया और कुछ शर्तों के साथ सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी दे दी है।

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