'एक बात तो साफ है कि पेपर लीक हुआ है', नीट-यूजी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट में दायर 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं। 50 से ज्यादा रि-एग्जाम के खिलाफ याचिका लगाई है।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-08 16:17 IST

 सुप्रीम कोर्ट। Source - Social Media 

मेडिकल कोर्स के लिए आयोजित नीट-यूजी 2024 में कथित धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने री-एग्जाम वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक बात तो साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं। हम ये जानना चाहते हैं कि एनटीए और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।'

परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम पढ़ाई-लिखाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं। हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे या तो चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कैसे करेंगे, जिन्हें इस धांधली का फायदा हुआ है। क्या हम काउंसलिंग होने देंगे और अब तक क्या हुआ है?

5 मई को हुआ था नीट परीक्षा

गौरतल है कि कोर्ट में दायर 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं। 50 से ज्यादा रि-एग्जाम के खिलाफ याचिका लगाई है। बता दें कि इस साल 5 मई को नीट परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लेकिन इस परीक्षा का परिणाम आने के बाद विवादों में आ गया था। पेपर लीक और 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया। सरकार ने सफाई दी। इस बीच छात्रों ने राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया।

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