Supreme Court में CM अरविंद केजरीवाल देंगे माफीनामा, ध्रुव राठी वीडियो रीट्वीट मामले में कोर्ट का आदेश

Arvind Kejriwal In SC: मानहानि के एक मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शिकायतकर्ता से माफी मांगनी होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश सोमवार को दी है।

Written By :  aman
Update:2024-03-11 15:34 IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Social Media) 

Supreme Court on Arvind Kejriwal : सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal News) से शिकायतकर्ता को माफीनामा देने को कहा है। ये मामला अरविंद केजरीवाल द्वारा युट्यूबर ध्रुव राठी (Youtuber Dhruv Rathee) के एक वीडियो रीट्वीट करने से जुड़ा है। हालांकि, केजरीवाल ने इससे पहले माना था कि, ऐसा करना उनकी गलती थी। शीर्ष अदालत ने सोमवार (11 मार्च) को कहा कि, शिकायतकर्ता इस बात पर विचार करें कि उसे यह माफीनामा स्वीकार है या नहीं। अगली सुनवाई 13 मई को होगी। 

आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल पर युट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो (Arvind Kejriwal YouTuber Dhruv Rathi video) वाले एक ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में 2018 में यह केस दर्ज हुआ था। उस वीडियो में विकास सांकृत्यायन नाम के व्यक्ति के बारे में अपमानजनक बातें कही गई थी।

दिल्ली HC ने मुकदमा रद्द करने से किया था मना

इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने यह कहते हुए मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया था। गौरतलब है कि, ट्विटर पर अरविन्द केजरीवाल के फॉलोवर्स बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कही गई अपमानजनक बातों की पुष्टि किए बिना ही उसे रीट्वीट किया। ऐसा कर उन्होंने उस वीडियो को करोड़ों लोगों तक फैलाया।

निचली अदालत में चल रहे मामले पर रोक

सुप्रीम कोर्ट (Arvind Kejriwal in Supreme Court) ने फिलहाल निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर अंतरिम रोक लगा रखी है। बता दें, यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

CM केजरीवाल ने मानी थी गलती

सीएम केजरीवाल ने शीर्ष अदालत में माना कि यूट्यूबर ध्रुव राठी ने बीजेपी आईटी सेल (BJP IT Cell) के बारे में जो वीडियो शेयर किया था, उसे रीट्वीट करना उनकी गलती थी। पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी वीडियो को रीट्वीट करने के लिए दायर आपराधिक मानहानि मुकदमे (Criminal Defamation Case) में जारी समन को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए ही केजरीवाल ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने गलती स्वीकार की तो कोर्ट ने ने निचली अदालत की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी।

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