सीएए पर केंद्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मंगलवार को केंद्र सरकार को समन भेज कर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर जवाब मांगा है। ये समन केरल सरकार की याचिका पर दिया गया है।

Update: 2020-02-04 13:21 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मंगलवार को केंद्र सरकार को समन भेज कर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर जवाब मांगा है। ये समन केरल सरकार की याचिका पर दिया गया है।

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याचिका के मुताबिक, सीएए संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करता है। साथ ही यह संविधान की मूल भावना यानी समानता और धर्मनिरपेक्षता के भी खिलाफ है। इसके अलावा याचिका में पासपोर्ट संशोधन नियम 2015 और संशोधित विदेशी नागरिक आदेश 2015 को भी चुनौती दी गई है।

गैर मुस्लिम लोगो को नागरिकता देने की बात कही गई है

इन संशोधनों की वजह से ही तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है।

सीएए के खिलाफ विभिन्न विरोधी दल विरोध कर रहें हैं

आप को बता दें कि सीएए के खिलाफ पार्टी के विरोध को और तेज करने के लिए पंजाब के बाद सभी कांग्रेस शासित राज्य सीएए वापस लेने का प्रस्ताव पारित करेंगे। कांग्रेस ने साफ संकेत दिया हैं कि जल्द ही पंजाब के नक्शे कदम पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभाओं से भी सीएए को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

सीएए के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पार्टी शासित राज्यों की विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा कांग्रेस केंद्र सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ाना चाहती है।

पंजाब सरकार सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दी है

कांग्रेस ने साफ किया है कि सीएए के खिलाफ अधिक से अधिक राज्यों की विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराना न केवल इसके विरोध को तेज किया जाए, बल्कि इसकी वैधानिकता को भी सवालों के दायरे में लाए जाए। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो दिन पहले ही सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया जिसमें इसे भेदभावकारी बताते हुए केंद्र से इस कानून को रद्द करने का अनुरोध किया है।

 

 

 

 

 

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