विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट करने के खिलाफ सुनवाई, SC ने मांगा जवाब

मरकज में शामिल हुए 34 विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश के खिलाफ याचिका पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है।

Update: 2020-06-26 10:12 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल हुए 34 विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश के खिलाफ याचिका पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने याचिका की प्रति केंद्र और राज्य सरकारों को देने को कहा है। अब इस मामले की सुनवाई सोमवार यानी 29 जून को होगी।

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34 देशों के 34 नागरिकों ने गृह मंत्रालय के फैसले को दी चुनौती

ये याचिका 34 देशों के 34 नागरिकों ने दायर की है, जिसमें इन्होंने अपने घर वापस जाने की इजाजत मांगी है। तब्लीगी जमात से जुडे़ विदेशियों ने बीते रविवार को सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी। जिसमें जमातियों ने तब्‍लीगी जमात से जुड़े विदेशी लोगों को ब्लैकलिस्ट करने के गृह मंत्रालय के फैसले को चुनौती दी गई है।

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विदेशी जमातियों ने केंद्र के फैसले को बताया असंवैधानिक

इसमें से कुछ जमातियों का कहना है कि गृहमंत्रालय का यह फैसला असंवैधानिक है। विदेशी जमातियों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार का यह फैसला अंसवैधानिक है क्योंकि ब्लैकलिस्ट करने से पहले न तो उनको कोई नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया। याचिका में इस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है।

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मरकज में शामिल हुए 2500 जमातियों पर दस साल का बैन

बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल हुए 2500 विदेशी नागरिकों के भारत आने पर दस साल तक का बैन लगा दिया गया है। इनमें से बहुत से विदेशियों को पहली ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था। ये सभी विदेशी टूरिस्ट वीजा पर जमात में शामिल होने के लिए भारत आए थे।

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