उपहार कांड: गोपाल अंसल को सुप्रीम कोर्ट का झटका, कहा- काटनी होगी पूरी सजा, सरेंडर के लिए चार हफ्ते दिए
नई दिल्ली: उपहार सिनेमा हॉल कांड पर दोषी करार दिए गए गोपाल अंसल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। जिसमें कोर्ट ने बाकि की बची हुई सजा को घटाने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद अब उन्हें बाकी की बचे 6 महीनों की सजा को पूरा करना होगा। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर के लिए चार हफ्तों का वक्त दिया है। 13 जून, 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा हॉल में आग लगने से 23 बच्चों समेत 59 लोगों की मौत हो गई थी।
सुशील अंसल और गोपाल को मामले में दोषी पाया गया था
इस बीच सुशील अंसल की सजा बढ़ाने से कोर्ट ने मना किया। सुशील अंसल दोबारा जेल नहीं जाएंगे। सुशील अंसल और गोपाल अंसल रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी हैं। सुशील और गोपाल दोनों को 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली स्थित उनके उपहार सिनेमा में आग लगने की घटना का दोषी पाया गया था।
कोर्ट ने जुर्माने को अभी भी बरकार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंसल बंधुओं गोपाल और सुशील अंसल को लापरवाही का दोषी करार देते हुए जेल भेजा था। जिसमें दायर हुई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अंसल बंधुओं को 60 करोड़ रुपए का जुर्माना अदा कर सजा से बच निकलने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने इस जुर्माने को अभी भी बरकार रखा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में मानव जीवन की क्षति की पूर्ति किसी जुर्माने से पूर्ण नहीं हो सकती।
कृष्णामूर्ति ने कोर्ट के इस आदेश पर अंसतोष जताया
कोर्ट के इस फैसले से वादी पक्ष खुश नहीं है । उन्होंने कोर्ट के इस आदेश पर अंसतोष जताते हुए कहा कि इस फैसले से पता चलता है, कि अमीरों के पास विशेष अधिकार होते हैं। वे बच्चों को मारकर भी बस ट्रॉमा सेंटर के लिए पैसे देकर आजाद घूम सकते हैं। जिस दिन मेरे बच्चे मरे थे, मुझे उसी दिन इन लोगों को गोली मार देनी चाहिए थी।
कब हुआ था हादसा
दिल्ली के उपहार सिनेमा हॉल में साल 1997 में उस वक्त आग लगी थी, जब लोग हॉल के अंदर बार्डर फिल्म देख रहे थे। हादसे में 23 बच्चों समेत 59 लोगों की मौत हो गई थी।