छात्रों के अभिभावकों को झटका, SC ने स्कूलों की फीस पर सुनाया ये बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विद्या भवन, एसएमएस व अन्य स्कूलों की अपील पर फैसला सुनाया। इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।

Update: 2021-02-08 16:30 GMT
कोर्ट के फैसले के मुताबिक, निजी स्कूल 2019-20 के लॉकडाउन के दौरान की 100 प्रतिशत फीस 5 मार्च 2021 से 6 मासिक किस्तों में वसूल सकते हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले से राजस्थान के लाखों छात्रों के अभिभावकों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रबंधन को फीस वसूलने की अनुमति दी है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक, निजी स्कूल 2019-20 के लॉकडाउन के दौरान की 100 प्रतिशत फीस 5 मार्च 2021 से 6 मासिक किस्तों में वसूल सकते हैं।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के डबल बेंच ने छात्रों का राहत दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल फीस का भुगतान ना करने के आधार पर छात्रों को ना तो निष्कासित कर सकते हैं और ना ही उनके परीक्षा परिणाम रोक सकते हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के पीठ ने सुनाया है।

हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विद्या भवन, एसएमएस व अन्य स्कूलों की अपील पर फैसला सुनाया। इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रबंधन को सिर्फ 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत ट्यूशन फीस एकत्र करने की इजाजत थी।

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सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे सुनवाई कर कोई फैसला न देने तक गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि किस्त व्यवस्था 2021-2022 के शैक्षणिक वर्ष के लिए छात्रों द्वारा देय शुल्क से स्वतंत्र होगी।

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सरकार को भी दिया ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एक महीने के अंदर गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को बकाया राशि का भुगतान करे जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा 25 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस छात्रों को आरटीई अधिनियम के मुताबिक पढ़ाने के लिए वहन की जाती है।

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