इस देश के राष्ट्रपति बनेंगे भारत के मेहमान, 26 को गणतंत्र दिवस परेड में होंगे शामिल
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी इससे पहले शनिवार को प्रवासी भारतीय दिवस में भी शामिल हुए थे, जहां उन्होंने अपने देश और भारत के बीच लोगों के मुक्त आवागमन के लिए एक प्रस्ताव दिया।
नई दिल्ली: सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। ये जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने दी है। बता दें कि चंद्रिकाप्रसाद संतोखी भारतीय मूल के हैं।
इसके पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस के परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से बढ़े प्रकोप के चलते उन्होंने अपनी भारत यात्रा कैंसिल कर दी थी। इसके बाद सरकार की तरफ से सूरीनाम के राष्ट्रपति को न्योता दिया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
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प्रवासी भारतीय दिवस में भी शामिल हुए थे संतोखी
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी इससे पहले शनिवार को प्रवासी भारतीय दिवस में भी शामिल हुए थे, जहां उन्होंने अपने देश और भारत के बीच लोगों के मुक्त आवागमन के लिए एक प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का समर्थन किया।
सूरीनाम के भारतीय मूल के राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय दिवस के डिजिटल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'सूरीनाम से भारत आने वाले यात्रियों के लिए वीजा परमिट समाप्त करके इस दिशा में पहला कदम उठाने के लिए सूरीनाम तैयार है।' उन्होंने कहा कि व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की गुंजाइश भी है।
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29 जनवरी को आयोजित की जाती है ‘बीटिंग रीट्रीट’ सेरेमनी
बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी गणतंत्र दिवस यानि कि 26 जनवरी के ठीक तीन बाद 29 जनवरी को आयोजित की जाती है। गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न की शुरुआत परेड से होती है तो जश्न का समापन बीटिंग रीट्रिट सेरेमनी के बाद होता है। बीटिंग द रिट्रीट सेरिमनी को मुख्य रूप से गणतंत्र दिवस का समापन समारोह कहा जाता है। इसका प्रदर्शन रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने होता है।
सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक
बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी में तीनों सेना (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। साथ ही यह सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है। हर साल गणतंत्र के तीसरे दिन 29 जनवरी की शाम बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।
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