मौलाना साद ने फोड़ा एक और आडियो बम, पुलिस ने 4 करीबियों को धर दबोचा

तबलीगी जमात और मरकज के प्रमुख मौलाना साद पुलिस से भागते फिर रहे हैं। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। पुलिस का दावा हैं कि उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Update: 2020-04-17 13:27 GMT
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नई दिल्ली: तबलीगी जमात और मरकज के प्रमुख मौलाना साद पुलिस से भागते फिर रहे हैं। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। पुलिस का दावा हैं कि उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस बीच मौलाना साद का एक नया वीडियो पुलिस के हाथ लगा है। इस ऑडियो में साद कह रहे हैं- आपके पास धैर्य का होना बेहद जरूरी है। धैर्य से ही आप अपनी परेशानी का समाधान पा सकते हैं। परेशानी दो तरह की है। पहला जो आपके अंदर है और दूसरा बाहर।

शासक का काम होता है कि वो अपने अनुयायियों को आगे लाने के लिए प्रोत्साहित करें। लेकिन वे मुकाबले की बात कर रहे हैं, इससे दूरियां बढ़ेंगी। इस्लाम के मुताबिक सरकार लोगों के अधिकारों को दबा रही है।

यह तरीका ठीक नहीं है। क्योंकि अगर आप उनके साथ संघर्ष करते हैं तो उन्हें लगता है कि आप उनसे बदला ले रहे हैं और अगर आप उनका समर्थन करते हैं तो वो मानते हैं कि हमने उनके सामने घुटने टेक दिए।

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मौलाना साद के करीबियों पर पुलिस ने कसा शिंकजा

दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद के करीबी चार लोगों पर कानून का शिकंजा कस गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

आरोप है कि तीन मौलाना समेत चार लोगों ने फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। उसके बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज भी गए, लेकिन बीमारी फैलने क बाद भी यह बात पुलिस से छिपाई।

थाना मंडी क्षेत्र को मोहल्ला मुफ्ती में दिल्ली स्थित तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद की ससुराल है। इसी मोहल्ले में मौलाना साद के करीबी तीन मौलाना भाई रहते हैं। कटेहरा चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह द्वारा थाने में दर्ज कराई एफआईआर में कहा है कि मुफ्ती मोहल्ला निवासी दो मौलाना भाई 25 फरवरी- 20 को दक्षिण अफ्रीका को गए थे।

वहां से लौटने के बाद 16 मार्च को दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज भी गए। उसके बाद सहारनपुर आए। इसी तरह तीसरे भाई 14 फरवरी-20 को फ्रांस गए थे। वहां से लौटने के बाद वह भी दिल्ली स्थित निजामुद्दीन गए। वहां से वह 31 मार्च को सहारनपुर आए।

पुलिस के मुताबिक जब प्रशासन को पता चला कि तीन भाई विदेश से लौटे हैं तो उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने विदेश जाने की बात तो बताई, लेकिन निजामुद्दीन जाने की बात को छिपा लिया।

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मोबाइल की सीडीआर से पुलिस को मिले ये अहम सुराग

पुलिस ने मोबाइल की सीडीआर से पता किया तो उनका निजामुद्दीन में जाना पाया गया। प्रशासन ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए तीनों मौलाना भाई और एक मौलाना के बेटे के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे।

सोमवार की रात को रिपोर्ट आई तो प्रशासन हैरत में रह गया। उसमें से दो मौलानाओं को कोरोना संक्रमित पाया गया। जबकि दो की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

आरोप यह भी है कि कोरोना संदिग्ध होने पर सैंपल भेजने के बाद भी मौलाना घर पर नहीं रहे। जबकि अपने पास पड़ोस और अन्य लोगों से मिलते-जुलते रहे।

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