छोटी अम्मा शशिकलाः तमिलनाडु की राजनीति में क्या ला पाएंगी सुनामी या बिखरेगा कुनबा

तमिलनाडु में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक समय पलानीस्वामी आसीन कराने वाली शशिकला की यह सक्रियता क्या पलानीस्वामी को रास आएगी या उनकी और उपमुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ेंगी

Update:2021-02-28 12:07 IST

रामकृष्ण वाजपेयी

तमिलनाडु की राजनीति में अम्मा जयललिता के बाद सबसे अधिक ताकतवर और चर्चित शख्सियत रहीं छोटी अम्मा और सोने की देवी शशिकला चार साल बाद जेल से बाहर आने पर एक बार फिर सक्रिय हो गई हैं।

जयललिता की करीबी शशिकला जेल से रिहा

हालांकि एक समय जयललिता से इनका मनमुटाव होने के बाद दोनो के बीच काफी दूरियां आ गई थीं लेकिन ऐन विधानसभा चुनाव के मौके पर वह एक बार फिर जयललिता की विरासत पर काबिज होने के लिए जयललिता के परस्पर विरोधी धड़ों को एकजुट करने में जुट गई हैं।

तमिलनाडु की राजनीति में शशिकला की वापसी

एक समय पलानी स्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन कराने वाली शशिकला की यह सक्रियता क्या पलानीस्वामी को रास आएगी या उनकी और उपमुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ेंगी, आइए जानते हैं शशिकला के बारे में सबकुछ।

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जानें कौन है तमिलनाडु की छोटी अम्मा शशिकला

शशिकला का जन्म 1956 में संयुक्त तंजौर ज़िले की तिरुतुरईपुंडी में हुआ था। इनके पिता का नाम विवेकानंदन और मां का नाम कृष्णावेणी था। पांच साल की उम्र तक शशिकला वहीं रहीं. बाद में उनका परिवार मन्नरकुडी शिफ़्ट हो गया उन्होंने सिर्फ़ दसवीं तक पढ़ाई की।

शशिकला का परिवार, राजनीति में शशिकला की एंट्री

इनका विवाह तमिलनाडु सरकार में पीआरओ रहे एम.नटराजन से हुआ था। यह शादी मन्नई नारायणस्वामी की मौजूदगी में हुई, जो तंजौर ज़िले के बेहद प्रभावशाली नेता थे। इस शादी में दोनों को आशीर्वाद देने तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि भी आए थे।

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जानकार बताते हैं कि 1984 में शशिकला विनोद वीडियो विजन नाम से एक वीडियो पार्लर चलाया करती थीं। यह दुकान चेन्नई के अलवरपेट में थी। उनके पति नटराजन सरकार में जनसंपर्क अधिकारी थे और उस वक्त कड्डलुर ज़िले में उनकी तैनाती थी। उस समय आईएएस अफसर चंद्रलेखा कड्डलुर ज़िले की कलक्टर हुआ करती थीं।

शशिकला और जयललिता की मुकालात

चंद्रलेखा के कहने पर ही विनोद वीडियो को एक मीटिंग को फिल्माने का मौका मिला, जिसमें जयललिता को बोलना था। इसी कार्यक्रम के दौरान वीके शशिकला जयललिता से पहली बार मिलीं। लेकिन इसके बाद शशिकला व जयललिता की मुलाकातों का सिलसिला चल पड़ा। बाद में वह अपने पति के साथ जयललिता के घर में शिफ्ट हो गईं। शशिकला तीन दशक तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की अभिन्न सहेली रही। 19 मार्च 2018 को शशिकला के पति मरुथप्पा नटराजन का निधन हो गया।

4 साल की कैद के बाद जेल से शशिकला की रिहाई

शशिकला को चार साल की कैद के बाद जनवरी में परप्पाना अग्रहारा केंद्रीय जेल से रिहा किया गया है। उन्हें 14 फरवरी, 2017 को बेनामी संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना देने के बाद रिहा कर दिया गया। अगर वह 10 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं भरतीं तो उन्हें 13 महीने और जेल में काटने पड़ते।

बेनामी संपत्ति के इस मामले में पहली आरोप जयललिता थीं। उन दिनों शशिकला को सोने की देवी कहा जाता था। चर्चा यहां तक रही कि जब इनके घर में छापा पड़ा तो सुरंग खोदकर सोना निकाला गया था।

जब जयललिता बनी शशिकला की कवच

जानकारों का यह भी मानना है कि एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद शशिकला और उनके रिश्तेदारों ने जयललिता के लिए कवच का काम किया था और उनके पति ने किंग मेकर की भूमिका निभायी थी।

जयललिता शशिकला के रिश्तों में ऐसे आई कड़वाहट

लेकिन 2011 में जयललिलता और शशिकला के रिश्तों में कड़वाहट आ गई। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपनी पार्टी से निकाल दिया। उन्होंलने शशिकला से पूरी तरह दूरी बना ली। समय ने कुछ समय बाद फिर करवट ली और दोनों के रिश्तेय तब सामान्यो हो गए, जब शशिकला ने उनसे माफी मांग ली। माफी मांगने पर जयललिता ने शशिकला को माफ कर दिया।

जयललिता के निधन के बाद शशिकला का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ

पांच दिसंबर 2016 को बीमारी के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया। जयललिता के निधन के बाद शशिकला ने तेजी से राजनीतिक समीकरणों को अपने पक्ष में किया, सबसे पहले उन्होंने उस व्यक्ति से इस्तीफा लिया, जिसे जयललिता ने जीते जी अपनी जगह बिठाया था।

तमिलनाडु की तीसरी महिला सीएम बनने वाली थीं शशिकला

6 फरवरी को अन्नाद्रमुक के विधायकों ने पार्टी महासचिव वीके शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया था। इससे 62 वर्षीय शशिकला के तमिलनाडु की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था। यह कहा जा रहा था कि तमिलनाडु की पहली महिला सीएम जानकी रामचंद्रन, दूसरी जयललिता के बाद तीसरी महिला सीएम शशिकला बनेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदला सीएम

शशिकला के नाम का प्रस्ताव मौजूदा मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर प्रस्तावित किया था जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने से उनका यह सपना अधूरा रह गया। शशिकला के ही आशीर्वाद से ई पलानीस्वामी (ईपीएस) मुख्यमंत्री बने और ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) डिप्टी सीएम बने थे।

लेकिन इसे वक्त कहें कि इन दोनों ने ही बाद में शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया और आज शशिकला की सक्रियता से इन दोनो को ही अपने समीकरण बिगड़ते दिख रहे हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि पर्दे के पीछे से भाजपा ही शशिकला का समर्थन कर रही है।

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अब ये देखने की बात होगी की विधानसभा चुनाव में द्रमुक के स्टालिन के मुकाबले जयलिता के अनुयायियों की टीम कितनी एकजुट रह पाती है और इस खेल में भाजपा को क्या हासिल होता है।

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