भारत हुआ मजबूत: चीन-पाकिस्तान सावधान रहें स्वदेशी तेजस से, कैबिनेट समिति ने दी मंजूरी

Tejas 2.0: मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 फाइटर जेट की जगह अब तेजस लेगा। बुधवार को रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इस पर अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-09-01 19:47 IST

स्वदेशी तेजस। (Social Media)

Tejas 2.0: लगातार हादसे का शिकार हो रहे पुराने लड़ाकू विमानो को सरकार ने अब हटाने का निर्णय लिया है। मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 फाइटर जेट की जगह अब एलसीए मार्क 2 जिसे तेजस भी कहा जाता है, लेगा। बुधवार को रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इस पर अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने तेजस मार्क 2 परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना व्यापक उड़ान परीक्षणों और अन्य संबंधित कार्यों के बाद साल 2027 तक पूरी होने वाली है।

इस परियजोना के लिए 6500 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत

इस परियजोना के लिए 6500 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। वायुसेना प्रमुख चौधरी ने बताया कि यह निर्णय हमारी अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान के स्वदेशी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देगा। आने वाले समय में हम वायुसेना में लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर भी शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि यह विमान निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत पहल को आगे बढ़ाएगा। वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा कि इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू स्कवाड्रनों की तेजी से घटती ताकत और आने वाले सालों में मिग 21 विमान से चरणबद्ध तरीके से बाहर होने के मद्देनजर यह आवश्यक है कि परियोजनाओं के लिए निधारित समय – सीमा का पालन किया जाए।

तेजस मार्क 2 की खासियत

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के मुताबिक, यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल के समकक्ष होगा मगर वजन में कम होगा। सरकार से मिली मंजूरी के बाद अब तेजस विमान में मेड इन इंडिया इंजन लगाया जाएगा। डीआरडीओ इस नए विमान को GE-414 इंजन के साथ विकसित करेगा जो GE-404s का उन्नत संस्करण है जो मौजूदा LCA और 83 LCA मार्क 1As को अधिक शक्ति देगा। इससे ये ज्यादा आयुध सामग्री ले जाने में सक्षम होगा।

बता दें कि पुराने सोवियतकालीन मिग – 21 विमानों की स्थिति को देखते हुए उसे उड़ता हुए ताबूत कहा गया है। अब तक 170 भारतीय पायलट और 40 से अधिक नागरिक मिग – 21 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में सरकार पर वायुसेना के बेड़े में नए और उन्नत किस्म के फाइटर जेट्स जोड़ने का दवाब है।  

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