Terror Link of Gangsters: भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकी संगठनों की नई चाल, लोकल गैंगस्टर को बनाया हथियार

Terror Link of Gangsters : आतंकी देश में दहशत फैलाने के लिए 'टारगेट किलिंग' को अंजाम देते हैं। आतंकी संगठन अब अपने इन नापाक इरादों में स्थानीय गैंगस्टरों को भी शामिल कर रहे हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-09-13 06:48 GMT

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला

Terror Link of Gangsters : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Punjabi Singer Sidhu Moosewala) की हत्या के बाद से उत्तर भारत के तमाम कुख्यात गैंगस्टर्स सुर्खियों में हैं। हत्याकांड में शामिल आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही दिल्ली और पंजाब पुलिस को कई अहम जानकारियां प्राप्त हो रही हैं, जिसका सीधा संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा है। पिछले दिनों पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि मूसेवाला की हत्या की साजिश विदेशी जमीन पर रची गई थी और इस मर्डर को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक हथियार पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी संगठनों द्वारा मुहैया कराए गए थे।  

गृह मंत्रालय (Home Ministry) के आदेश पर पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंक और अपराध का पर्याय बन चुके दिल्ली और पंजाब के दो बड़े गैंग के गैंगस्टर्स के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एफआईआर दर्ज किया था। इन गैंगस्टरों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग, बंबीहा गैंग और नीरज बवानिया गैंग के दर्जन भर गुर्गे शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस की एफआईआर में बड़ा दावा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपने एक एफआईआर में आतंकी संगठनों और उत्तर भारत के गैंगस्टरों के बीच जारी सांठगांठ का उल्लेख किया है। एफआईआर में कहा गया है कि भारत और विदेशों  में स्थित एक आपराधिक सिंडिकेट या उसके सदस्य बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं। ये आतंकी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में अपने मददगारों के साथ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने का इरादा रखते हैं।

'टारगेट किलिंग' को देते हैं अंजाम 

एफआईआर में कहा गया है कि ये आतंकी देश में दहशत फैलाने के लिए 'टारगेट किलिंग' को अंजाम देते हैं। आतंकी संगठन अब अपने इन नापाक इरादों में स्थानीय गैंगस्टरों को भी शामिल कर रहे हैं। वे गैंगस्टरों का इस्तेमाल करते हुए सीमा पार से अवैध तरीके से खरीदे गए आधुनिक हथियारों, विस्फोटकों जैसे घातक हथियारों का उपयोग करके अपने इरादों को कायाबा बनाना चाहते हैं।

प्रभावशाली युवाओं की करते हैं भर्ती

पुलिस के मुताबिक, आतंकी गिरोह के सदस्य जबरन वसूली, आपराधिक धमकी, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद और बिक्री जैसी आपराधिक गतिविधियों के जरिए धन एकत्रित करते हैं। बाद में इसी धन का इस्तेमाल वे आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने और गिरोह में प्रभावशाली युवाओं की भर्ती के लिए करते हैं।

FIR में इन गैंगस्टर्स का नाम दर्ज

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज किए गए इस एफआईआर में उत्तर भारत में सक्रिय लगभग तमाम बड़े गैंगस्टर्स का नाम शामिल हैं। इसमें लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, जग्गू भगवानपुरिया, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई, विक्रम बराड़, लखबीर सिंह उर्फ लांडा, दरमहनजोत कहलों उर्फ दर्मन और अन्य शामिल हैं। इनमें से कई जेल में हैं और वहीं से आपराधिक कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं, जबकि अन्य फरार हैं। ये फरार गैंगस्टर कनाडा, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, मलेशिया और यूएई समेत अन्य देशों से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय में इन सभी गैंग्स पर कार्रवाई के लिए उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। 20 से 25 अगस्त के बीच 4 से 5 बैठकों में एनआईए, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, गृह मंत्रालय और आईबी के सीनियर अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि ये गैंग आतंकियों की तरह ही काम कर रहे हैं, इसलिए आतंकी गतिविधियों की जांच करने वाली एजेंसी से इनकी जांच कराई जाए। इसी के बाद गैंगस्टरों के 50 से अधिक ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की।

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