कोरोना वायरस का फायदा उठा रहे आतंकी

Update: 2020-05-10 14:56 GMT

नई दिल्ली : 2016 में इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर आईएस का कब्जा हो गया था, लेकिन स्थानीय लड़ाकों और अमेरिकी फौजों ने धीरे-धीरे आईएस को सिमट जाने को मजबूर कर दिया। फिलहाल आईएस के सक्रिय सदस्यों की संख्या बेहद कम रह गई है लेकिन कोरोना वायरस से फैली महामारी कोविड-19 का फायदा उठाकर आईएस इराक और सीरिया में फिर सक्रिय हो रहा है। पिछले एक महीने में आईएस की स्लीपर सेल की गतिविधियों में तेजी आई है। आईएस ने 2 मई को किए आतंकी हमले में इराकी अर्द्धसैनिक बलों के 10 जवानों को मार दिया। ये हमला इराक की राजधानी बगदाद के पास ही हुआ। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में किरकुक में हुए एक आत्मघाती हमले में एक सरकारी इमारत के बाहर तैनात तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।

स्लीपर सेल हुये एक्टिवेट

आईएस ने सीरिया में भी 32 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया है। इसके अलावा दो ऑयलफील्ड को भी तबाह कर दिया। पिछले कुछ दिनों में कॉम्बैट ऑपरेशन बढ़कर एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं। इनके अलावा आईएस अपने फंडिंग, तस्करी के रास्तों और स्लीपर सेल को सक्रिय करने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है।" अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट कहती है कि इराक में अभी ढाई से तीन हजार आईएस लड़ाके सक्रिय हैं। बगदाद में काम कर रहे खुफिया विभाग के अधिकारी कहते हैं कि करीब 500 लड़ाके जिनमें हाल में जेल से छूटे लोग भी शामिल हैं, सीमा पार कर सीरिया चले गए हैं।

 

 

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फौज हटने का भी फायदा

आईएस के प्रभाव में बढ़ोत्तरी ऐसे समय पर देखने को मिली है जब अमेरिका ने अपनी फौज को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। इसके चलते इराक में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए इराकी सुरक्षा बलों को लगाया गया है। इराक में राजनीतिक अनिश्चितता भी लगातार बनी हुई है। इराक में फिलहाल एक नई सरकार बनाने की कोशिशें चल रही हैं।

हालांकि कुछ अधिकारियों का कहना है कि हाल में हुए हमले बहुत हल्के किस्म के थे। इनको देखकर ये नहीं लग रहा है कि आईएस 2014 की तरह फिर से एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर सकता है।

 

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कश्मीर में भी बढ़ी आतंकी घटनाएं

लॉकडाउन के बीच कश्मीर में भी आतंकी घटनाएं सामने आ रही हैं। 2 मई को हंदवाड़ा में हुई एक मुठभेड में सेना के चार और पुलिस के एक जवान की मौत हो गई। इससे पहले 18 अप्रैल को बारामूला के सोपोर में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान मारे गए थे। 18 अप्रैल को शोपियां में सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। 17 अप्रैल को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में एक जवान घायल हो गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के मौसम के चलते सीमा पर जमी बर्फ पिघली है। बर्फ से सीमा पर लगी फेंसिंग को भी नुकसान हुआ है। इसके चलते आतंकी सीमापार कर कश्मीर में घुस रहे हैं।

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