जिसको एनआईए ने भेजा समन, वो होगा नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित
‘खालसा एड इंडिया’ की स्थापना 1999 में ब्रिटिश सिख एक्टिविस्ट रविन्दर सिंह ने की थी। इस संगठन की शाखाएं भारत समेत कई देशों में हैं। भारत में खालसा एड ने केरल में 2018 में आई भीषण बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी संबंधों के सिलसिले में पूछताछ के लिए जिस अमनप्रीत सिंह को बुलाया था उसे नोबेल शांति पुरस्कार के लिए मनोनीत किया गया है। समन जारी होने के दो दिन बाद यानी 18 जनवरी को पता चला कि यूनाइटेड किंगडम स्थित ‘खालसा एड इंडिया’ नामक एनजीओ को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए मनोनीत किया गया है। अमनप्रीत सिंह इसी एनजीओ के डायरेक्टर हैं। एनआईए ने अमनप्रीत के साथ इस संगठन के कुछ अन्य ट्रस्टियों को समन भेजा है। ये संगठन और इससे जुड़े लोग दिल्ली की सीमा पर धरना देकर बैठे किसानों को मदद दे रहा है।
‘खालसा एड इंडिया’ की स्थापना 1999 में
‘खालसा एड इंडिया’ की स्थापना 1999 में ब्रिटिश सिख एक्टिविस्ट रविन्दर सिंह ने की थी। इस संगठन की शाखाएं भारत समेत कई देशों में हैं। भारत में खालसा एड ने केरल में 2018 में आई भीषण बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। इसके अलावा कोविड लॉकडाउन के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स को मदद भी उपलब्ध कराई थी। अब किसान अन्दोलानकारियों को ये खाना, पानी, टॉयलेट, किसान मॉल, और फूट मसाज तक की सुविधा प्रदान कर रहा है।
एनआईए द्वारा मनप्रीत सिंह और अन्य ट्रस्टियों को सामन भेजा गया
16 जनवरी को एनआईए ने मनप्रीत सिंह और अन्य ट्रस्टियों को सामन भेजा जिसके जवाब में 'खालसा एड' ने अपने संगठन के सदस्यों के स्वास्थ्य और मानसिक सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की। संगठन ने कहा कि वह पूछताछ के बारे में चिंतित है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय मानकों के विपरीत हो सकती है।
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बहरहाल, 18 जनवरी को नोबेल मनोनयन की घोषणा हो गयी। इसके बाद एनआईए ने पूछताछ का प्रोग्राम स्थगित कर दिया। ‘द हिन्दू’ ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि खालसा एड के संस्थापक रविंदर सिंह ने बताया है कि फोन पर जानकारी दी गयी कि पूछताछ स्थगित कर दी गयी है। पूछताछ स्थगित करने का कारण नहीं पता चला है।
'खालसा एड' ने सीरिया में भी किया है राहत कार्य
'खालसा एड' ने सीरिया में राहत कार्य किया हुआ है, 2016 में लन्दन में आई भीषण बाढ़ में कैंप लगाये थे, रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए राहत कार्य किये हैं। खालसा एड को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कनाडा की सरकार में शामिल राजनेताओं टिम उप्पल, पैट्रिक ब्राउन और प्रबमीत सिंह सरकारिया ने मनोनीत किया है। इनमें टिम उप्पल और प्रबमीत सिंह सांसद हैं। मनोनयन के पत्र में बताया गया है कि किस तरह विश्व भर में खालसा एड मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है।
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