परमवीर की चिट्ठी पर बवाल: BJP बोली, महाअघाड़ी शासन के लिए नहीं, लूट के लिए है
रविशंकर प्रसाद ने कहा के ये बहुत गंभीर मामला है। एक एसीपी को मुख्यमंत्री सदन के अंदर और बाहर डिफेंड करता है। राज्य का गृह मंत्री उससे 100 करोड़ रुपये की उगाही के लिए कहता है। बीजेपी आउट साइड एजेंसी के जरिए जांच की मांग करती है।
नई दिल्ली: एंटीलिया केस में परमबीर सिंह की चिट्टी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। इसके बाद बीजेपी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर हमलावार है। बीजेपी ने गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा है। अब इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और उद्धव सरकार पर जमकर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि सचिन वाजे को किसके दबाव में लाया गया। शिवसेना के, सीएम के या फिर शरद पवार के?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो।
आउट साइड एजेंसी से जांच हो
रविशंकर प्रसाद ने कहा के ये बहुत गंभीर मामला है। एक एसीपी को मुख्यमंत्री सदन के अंदर और बाहर डिफेंड करता है। राज्य का गृह मंत्री उससे 100 करोड़ रुपये की उगाही के लिए कहता है। बीजेपी आउट साइड एजेंसी के जरिए जांच की मांग करती है। उन्होंने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी शासन के लिए नहीं है, बल्कि लूट के लिए है।
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उन्होंने कहा कि सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?
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बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था। शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं। तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की? इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?
उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।
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