Sanjay Singh: ‘मोदी ने किया देश में सबसे बड़ा 5G घोटाला, दोस्त की चिंता देश की...’ संजय सिंह ने लगाए आरोप

PM Sanjay Singh: राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधार को पार्टी ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह मोदी जी का 5G मेगा घोटाला है। पीएम मोदी जी देश के लिए नहीं, बल्कि अपने दोस्तों के लिए सब कुछ बलिदान करने को तैयार हैं।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-04-24 09:18 GMT

 Sanjay Singh (सोशल मीडिया)   

MP Sanjay Singh:  2जी स्पेक्ट्रम मामले में 2012 के फैसले में संशोधन की मांग को लेकर केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। आप सांसद ने मोदी सरकार पर "5जी मेगा घोटाला" करने का आरोप लगाया। सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी प्रशासन देश के बजाय अपने दोस्तों को प्राथमिकता देता है।

दोस्त को देश दे दिया, भतीजे को किक्रेट बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधार को पार्टी ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह मोदी जी का 5G मेगा घोटाला है। पीएम मोदी जी देश के लिए नहीं, बल्कि अपने दोस्तों के लिए सब कुछ बलिदान करने को तैयार हैं। उन्होंने अपने एक दोस्त को बिजली, पानी, सड़क, इस्पात, बंदरगाह, कोयला, गैस और हवाई अड्डे दिए हैं। उन्होंने पूरा देश उस एक व्यक्ति को दे दिया। अपने भतीजे (अमित शाह का पुत्र जय शा) को बीसीसीआई का अध्यक्ष बना दिया है।

पहले कभी किया था पहले आओ, पहले पाओ नीति

सिंह ने 5G स्पेक्ट्रम लाइसेंस के वितरण के संबंध में विवादास्पद 'पहले आओ, पहले पाओ' नीति पर केंद्र सरकार के रुख के बारे में अपनी चिंताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है जो देश की सड़कों पर विरोध प्रदरेशन कर 2 जी नीति की आलोचना कर रही थी और दावा कर रही थी कि 'पहले आओ, पहले पाओ' नीति पूरी तरह गलत थी। 2012 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि स्पेक्ट्रम लाइसेंस की नीलामी की जानी चाहिए और 'पहले आओ, पहले पाओ' नीति के आधार पर नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा लेकिन आज जब भाजपा सत्ता में आई है तो क्या कर रही, स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में उसने भी पहले आओ, पहले पाओ की नीति लागू कर रखी है। वह चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है।

लोकतंत्र की हत्या कर पारित की गई स्पेक्ट्रम नीति

सिंह ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्यम से स्पेक्ट्रम लाइसेंस देने की नीति संसद में उस समय पारित की गई थी, जब लोकतंत्र की हत्या की गई थी और 150 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन मोदी जी और उनकी सरकार आज पूरे देश के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। सिंह मोदी सरकार का मजाक उड़ाते कहा कि अब वे सुप्रीम कोर्ट में कह रहे हैं कि अगर वे नीलामी प्रक्रिया से गुजरेंगे तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा और देश का राजस्व बढ़ेगा, लेकिन उनके दोस्तों का राजस्व कैसे बढ़ेगा?"

जानिए क्या 2जी स्पेक्ट्रम?

बात दें कि 2 फरवरी 2012 को शीर्ष अदालत ने जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री के रूप में ए राजा के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन रद्द कर दिया था। अदालत ने यह भी माना था कि देश राज्य प्राकृतिक संसाधनों को स्थानांतरित करते समय नीलामी मार्ग अपनाने के लिए बाध्य है। 21 दिसंबर, 2017 को विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में राजा, कनिमोझी और अन्य को बरी कर दिया था। वहीं, सीबीआई ने इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

इस मामले पर सरकार पहुंची अदालत

इस सप्ताह केंद्र ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में शीर्ष अदालत के पहले के फैसले में संशोधन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। अंतरिम आवेदन का उल्लेख अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने किया था। केंद्र ने 2012 के फैसले में संशोधन की मांग की है क्योंकि वह कुछ मामलों में दूसरी पीढ़ी के स्पेक्ट्रम लाइसेंस देना चाहता था।

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