ठंडे पानी में ही पक जाता है यह चावल, इसके चमत्कारी गुण जान रह जाएंगे हैरान

चावल को गरम पानी में पकाया जाता है, लेकिन अब कमाल आया है जिसे पकाने के लिए गरम पानी की जरूरत नहीं है। पश्चिम बंगाल में किसान इन दिनों एक खास किस्म के चावल की खेती कर रहे हैं। इस चावल को पकाने के लिए गरम पानी की जरूरत नहीं होती है। इस बात से आप हैरान जरूर होंगे, लेकिन यह बात सच है।

Update: 2019-01-20 12:18 GMT

कोलकाता: चावल को गरम पानी में पकाया जाता है, लेकिन अब कमाल आया है जिसे पकाने के लिए गरम पानी की जरूरत नहीं है। पश्चिम बंगाल में किसान इन दिनों एक खास किस्म के चावल की खेती कर रहे हैं। इस चावल को पकाने के लिए गरम पानी की जरूरत नहीं होती है। इस बात से आप हैरान जरूर होंगे, लेकिन यह बात सच है।

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इस खास किस्म के चावल का नाम कमल है और इसकी सबसे खासियत यह है कि सामान्य पानी में डालने के बाद कुछ ही देर में भात बनकर तैयार हो जाता है। इन दिनों बंगाल के वर्द्धमान, नदिया समेत कई जिलों में किसान इसकी खेती कर रहे हैं।

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यह कमल धान मूलत: रूप से ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे असम में माजुली द्वीप पर उगता है। बताया जाता है कि कुछ किसान इसे बंगाल में लेकर आए थे। यहां भी इसकी अच्छी उपज होने लगी। अब पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके व्यवसायिक उत्पादन को प्रोत्साहित करने की घोषणा की है। कमल चावल की ख़ास बात यह है कि इसे उगाने के लिए सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है। अभी नदिया जिले में इसका प्रयोग 10 हेक्टेयर में किया जा रहा है और इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।

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कमल धान की खेती करने वाले कई किसान कहते हैं कि इस चावल का प्रयोग सैकड़ों वर्ष पहले सैनिक करते थ, क्योंकि युद्ध के दौरान सैनिक खाना पकाने की दिक्कत होती थी। इसलिए वो ठंडे पानी में इसे पकाते थे। अनुपम पाल कहते हैं कि बाकी चावलों की तरह इस चावल में भी कार्बोहाइड्रेट, पेप्टिन जैसे पौष्टिक तत्व हैं। बाजार में इसकी कीमत करीब 60 से 80 रुपये किलो तक है।

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