Monsoon Session: टीएमसी सांसद के विरोध का अनोखा तरीका, मंहगी रसोई गैस के विरोध में खाने लगी कच्चा बैगन
Monsoon Session: इस दौरान तृणमुल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने महंगाई का विरोध अनोखे तरीके से किया, जिसकी खासी चर्चा हो रही है।
Monsoon Session: मोदी सरकार 2.0 में महंगाई एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने – पीने की चीजें तक सबकुछ महंगी हो चुकी है। विपक्ष लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है। महंगाई के मुद्दे पर चर्चा को लेकर बीते कई दिनों से सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ था जो सोमवार को खत्म हुआ। सोमवार यानी आज दोपहर महंगाई पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान तृणमुल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने महंगाई का विरोध अनोखे तरीके से किया, जिसकी खासी चर्चा हो रही है।
घोष ने लोकसभा में चर्चा के दौरान एक कच्चा बैंगन दिखाया और उसे काटकर खा लिया। तृणमुल सांसद ने आगे कहा कि रसोई गैस इतनी महंगी है कि कच्ची सब्जियां खाने का सहारा लेना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से एलपीजी सिलेंडर के दाम कम करने की मांग की। महिला सांसद ने कहा कि बीते कुछ महीनों में चार बार रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए हैं। पहले रसोई गैस के सिलेंडर 600 रूपये में मिलते थे, जो अब 1100 रूपये में मिल रहे हैं। काकोली घोष ने कहा कि क्या सरकार चाहती है कि हम कच्ची सब्जियां खाएं। सिलंडर की कीमतों में अविलंब कमी की जानी चाहिए।
8 बार बढ़ चुके हैं सिलेंडर के दाम
रसोई गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने आम लोगों के किचन का बजट ही खराब कर दिया है। निम्न आर्य वर्ग के लोग विशेषकर ग्रामीण इलाकों में गैस चुल्हा छोड़कर पुनः पारंपरिक लड़की और गोबर के का प्रयोग खाना बनाने के लिए करने लगे हैं। इस साल जुलाई तक ही सिलेंडर के दाम आठ बार बढ़ाया जा चुके हैं। लेटेस्ट वृद्धि जुलाई में ही 50 रूपये की गई थी।
कांग्रेस बोली 30 साल में सबसे अधिक महंगाई
महंगाई पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर मनीष तिवारी ने कहा कि बीते 14 माह से देश में महंगाई की दर दोहरे अंक में है। बीते 30 सालों में ये सबसे अधिक है। उपभोक्ता खाद्य मुल्य सूचकांक आसमान छू रहा है। रोजमर्रा की खाने – पीने वाली चीजों पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। इतना ही नहीं सरकार ने पेंसिल और शार्पनर पर चढ़ाकर बच्चों को भी नहीं छोड़ा है।
बता दें कि जून में जीएसटी कौंसिल की बैठक में दही, पनीर, चावल और आटा जैसी रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। जिसका विपक्ष तगड़ा विरोध कर रहा है। वहीं सरकार का कहना है कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया।