टूलकिट बवालः दिशा रवि के समर्थन में आए, दिल्ली के सीएम केजरीवाल
किसान आंदोलन के समर्थन में टूल किट शेयर करने में पुलिस ने दिशा रवि को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है। हालांकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन करने पर दिशा रवि की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
रामकृष्ण वाजपेयी
किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर बवंडर खड़ा करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। किसानो के आंदोलन की टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में शनिवार को कर्नाटक के बेंगलुरु की दिशा रवि को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसे इस मामलें में पहली गिरफ्तारी बताया गया था। ये टूलकिट पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने साझा की थी और दिशा का कहना है कि उसने इसमें मात्र दो लाइन एडिट कर सोशल मीडिया पर फारवर्ड कर दिया था। इस मामले में नया डेवलपमेंट यह है कि इस मामले में कई और लोग भी पुलिस के निशाने पर हैं जिसमें निकिता जैकब और शांतनु के नाम प्रमुखता से लिये जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि बंदूक की जगह लैपटॉप का इस्तेमाल करने वाले ये आतंकवादी कौन हैं, ये लोग और क्या करते हैं और कैसे रची थी साजिश...
दिशा रवि
21 साल की दिशा रवि कर्नाटक के बेंगलुरु की रहने वाली एक पर्यावरण कार्यकर्ता है। दिशा ने बेंगलुरु के माउंट कार्मेल कॉलेज से बीबीए की डिग्री ली हुई है। वह पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर' चलाती हैं। इसके अलावा वह गुड वेगन मिल्क संस्था में भी काम करती हैं। जो कि प्लांट बेस्ड फूड (वेजिटेरियन) को सस्ता और सुलभ बनाने काम करती है। इसके अलावा ये संस्था कृषि कार्यों में पशुओं के इस्तेमाल को खत्म कर उन्हें भी जीने का अधिकार देने के लिए काम करती है। किसान आंदोलन के समर्थन में टूल किट शेयर करने में पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है। हालांकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन करने पर दिशा रवि की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
निकिता जैकब
ट्विटर एकाउंट पर दिये परिचय के मुताबिक निकिता बॉम्बे उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं। वह सामाजिक न्याय और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रयासरत स्वयंसेवक हैं। इसके अलावा दयालुता, सकारात्मकता, विविधता में एकता, शिक्षा और जागरुकता उनकी विशेषता हैं। उनका ट्वीटर अकाउंट लॉक है सिर्फ उन्हें फालो करने वाले ही उनके ट्वीट देख सकते हैं। निकिता का इंस्टाग्राम पर news.infuse नाम से भी एक एकाउंट बताया जाता है। यह अकाउंट भी उन्हें फालो करने वाला ही देख सकता है।
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पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन
कहा जा रहा है कि खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से अपने सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया था। इनका मकसद गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर तूफान खड़ा करना था। गणतंत्र दिवस से पहले निकिता, दिशा और कुछ अन्य लोगों ने धालीवाल के साथ जूम पर मीटिंग की थी। दिल्ली पुलिस के उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में आवेदन किया है।
कौन है शांतनु
टूल किट मामले में शांतनु एक कार्यकर्ता बताया जा रहा है फिलहाल का इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है। टूल किट केस में तीन नाम सामने आने के बाद अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शेयर- पुलिस
पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने ही स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग को टूल किट मुहैया कराई थी और वह इस पूरे मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। इसे 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में हुए हिंसक प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। आरोप है कि जब ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट शेयर किया, तब दिशा रवि ने ही ग्रेटा को चेताया था कि टूलकिट सार्वजनिक हो गया है। बाद में ग्रेटा ने इसे डिलीट कर दिया और फिर इसका एडिटेड वर्जन शेयर किया था।
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