हाजी अली दरगाह पर तृप्ति ने चढ़ाई चादर, सबरीमाला मंदिर के लिए होगा संघर्ष
महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने रविवार को हाजी अली दरगाह में प्रवेश किया और चादर चढ़ाई। तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगी। गौरतलब है कि हाजी अली दरगाह में पहले महिलाओं के प्रवेश की मनाही थी। दरगाह के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर साल 2011 से प्रतिबंध लगा हुआ था। प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत संबंधित मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का तृप्ति देसाई ने स्वागत किया था।
मुंबई: महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने रविवार को हाजी अली दरगाह में प्रवेश किया और चादर चढ़ाई। तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगी।
गौरतलब है कि हाजी अली दरगाह में पहले महिलाओं के प्रवेश की मनाही थी। दरगाह के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर साल 2011 से प्रतिबंध लगा हुआ था। प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत संबंधित मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का तृप्ति देसाई ने स्वागत किया था।
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तृप्ति ने कहा
-हाजी अली दरगाह में प्रवेश करने पर किसी ने नहीं रोका, कई मुस्लिम महिलाओं ने हमारा समर्थन किया इससे मैं काफी खुश हूं।
-रविवार को तृप्ति देसाई अपने संगठन के साथ हाजी अली दरगाह पर पहुंची।
-हालांकि वो मजार सहित उन जगहों पर नहीं गई, जहां ट्रस्ट की तरफ से फिलहाल महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है।
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-तृप्ति का कहना था कि पिछली बार मैंने बाबा से मन्नत मानी थी कि कोर्ट का फैसला आने के बाद मैं चादर चढ़ाने आऊंगी।
-लिहाज़ा हमने दर्शन किए।
-छह हफ्ते बाद मुझे उम्मीद है कि मज़ार के पास जाकर बाबा के दर्शन कर सकूंगी।
-मेरी ट्रस्टियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि वो हाईकोर्ट के फैसले को मानें.'