Twitter के होश ठिकाने: 97 प्रतिशत अकाउंट बंद, सरकार की सख्ती के बाद फैसला

खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार ने करीब 1,435 ट्विटर (Twitter) अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को नोटिस जारी की थी, जिसके पश्चात बीते बुधवार को ट्विटर और भारत सरकार के बीच मीटिंग हुई।

Update: 2021-02-12 06:39 GMT
Twitter के होश ठिकाने: 97 प्रतिशत अकाउंट बंद, सरकार की सख्ती के बाद फैसला

नई दिल्ली: भारत में चल रहे किसान आंदोलन को भड़काने के लिए विरोधी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से इस आंदोलन को भड़काने के लिए आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। इस मसले को मद्देनजर रखते हुए केन्द्र सरकार ने ट्विटर (Twitter) को नोटिस जारी करते हुए कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने की मांग की थी। सरकार द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) ने करीब 97 प्रतिशत अकाउंट बंद कर दिए हैं।

'किसान जनसंहार' जैसे कई हैशटैग का प्रयोग

बता दें कि सोशल मीडिया पर 'किसान जनसंहार' जैसे कई हैशटैग का प्रयोग करके 'भड़काऊ कंटेंट' पोस्ट किए जा रहे थे। ऐसे पोस्टों को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने दो बार नोटिस जारी ट्विटर को नोटिस जारी की थी। सूत्र बताते हैं कि इस मसले को लेकर बीते बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर पब्लिक पॉलिसी उपाध्यक्ष मोनिक मेचे और जिम बेकर के मध्य बैठक हुई थी।

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1,435 ट्विटर अकाउंट्स

खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार ने करीब 1,435 अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को नोटिस जारी की थी, जिसके पश्चात बीते बुधवार को ट्विटर और भारत सरकार के बीच मीटिंग हुई। इस मीटिंग के बाद शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका अपने देश में उन यूजर्स पर कठोर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है, जिन्हें सरकार ने अकाउंट ब्लॉक करने की लिस्ट में डाला था। बता दें कि केन्द्र सरकार ने जिन अकाउंट को चिन्हित किया था उनमें से 1,178 ट्विटर अकाउंट्स के पाकिस्तान और खालिस्तान के थे। इनमें से 257 ट्विटर अकाउंट किसान आंदोलन के खिलाफ हैशटैग चला रहे थे, जबकि कुछ डुप्लीकेट्स अकाउंट्स थे।

सूत्रों ने दी कई जानकारियां

वहीं एक सरकारी सूत्र ने इस मसले पर जानकारी देते हुए बताया है, “ट्विटर ने ब्लॉक किए गए खातों की एक सूची बनाकर मंत्रालय को सौंप दी है और बाकी बचे अकाउंट्स को लेकर प्रक्रिया जारी है, इसमें यूजर्स को नोटिस भेजने जैसे कदम शामिल हैं।” सूत्रों ने बताया है, ‘सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम और कारवां मैगजीन के जैसे अकाउंट्स काम कर रहे हैं।’ जबकि एक सरकारी सूत्र का कहना है, “ट्विटर के इस कदम की हम सराहना करते हैं।”

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ट्विटर को करना होगा नियमों का पालन

बताते चलें कि इस मसले को लेकर अजय प्रकाश साहनी ने कहा, “ट्विटर को इसका पालन करना चाहिए। जो विवादित हैशटैग ट्विटर पर चलाया गया था, वो ना ही पत्रकारीय आजादी है और न ही भारतीय संविधान के तहत प्रदान किए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। क्योंकि ऐसे गैर जिम्मेदाराना हैशटैग सिर्फ लोगों को भड़का सकते हैं और स्थिति खराब कर सकते हैं।”

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