Sanatana Dharma Controversy: अपने विवादित बयान पर कायम उदयनिधि, PM Modi के कांग्रेस मुक्त भारत की बात का दिया हवाला

Sanatana Dharma Controversy:सहयोगी पार्टियां भी खुद को स्टालिन जूनियर के बयान से अलग करने लगी हैं। दिल्ली और मुंबई में मंत्री उदयनिधि के खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है।

Update:2023-09-04 12:48 IST
Sanatana Dharma Controversy (फोटो: सोशल मीडिया )

Sanatana Dharma Controversy: डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर हंगामा जारी है। सनातन धर्म को लेकर दिए गए बेहद आपत्तिजनक बयान पर बीजेपी और साधु-संतों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाओं का आना जारी है। यहां तक कि सहयोगी पार्टियां भी खुद को स्टालिन जूनियर के बयान से अलग करने लगी हैं। दिल्ली और मुंबई में मंत्री उदयनिधि के खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है। इन सबके बावजूद वे अपने विवादित बयान पर मजबूती से कायम हैं।

तमिलनाडु सरकार में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन विरोधी कमेंट पर छिड़े बवाल पर कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। लोगों ने इसे बेवजह नरसंहार से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब ये है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए। कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की बात करते हैं। क्या इसका मतलब ये है कि डीएमके वालों को भी मार दिया जाना चाहिए ?

उदयनिधि स्टालिन ने आगे कहा कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और कहा है कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। ये बात में लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहें है कि मैंने नरसंहार को आमंत्रित किया है। दरअसल, नरसंहार का जिक्र सबसे पहले बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने किया था। जिसके बाद उदयनिधि और डीएमके को रक्षात्मक मुद्रा में आना पड़ा।

कांग्रेस और विपक्ष के एक गुट ने किया समर्थन

तमिलनाडु के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर इंडिया गठबंधन में भी एक राय नजर नहीं आ रही। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस में भी इसे लेकर दो मत हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र और तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद कार्ति ने सनातन धर्म पर दिए गए बयान का समर्थन किया है। जबकि महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले इस बयान से असहमति जता चुके हैं।

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस विवाद पर एक कबीर का दोहा पढ़कर उदयनिधि के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का एक मिजाज रहा है। कई लोगों को सनातन धर्म में कई विसंगतियां दिखती हैं। क्या जाति व्यवस्था अच्छी चीज है। क्यों सीवर में उतरने वाले की जाति नहीं बदलती? अगर किसी ने कुछ कह दिया तो लेकर उड़ गए। झा ने जो दोहा पढ़ा था, वो इस प्रकार है - जो तू ब्राह्मण ब्राह्मणी जाया, आन बाट काहे नहीं आया। जो तू तुरुक तुरुक्नी जाया, अंदर खतना क्यूं न कराया।

वहीं, तमिलनाडु से आने वाली एक अन्य पार्टी विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची (वीसीके) जो कि इंडिया गठबंधन में शामिल है, के चीफ थिरूमावलावन ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का सर्पोट किया है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने सनातन धर्म को संक्रामक रोग बताया था। भविष्य में इसे मिटाकर नष्ट कर देना चाहिए तभी हम लोगों के बीच समानता ला सकते हैं।

शाह और नड्डा बोल चुके हैं हमला

भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु सीएम के बेटे के बिगड़े बोल पर सीधे इंडिया गठबंधन के नेताओं राहुल गांधी और नीतीश कुमार को घेरा है। पार्टी ने इस पर जवाब मांगा है। रविवार को राजस्थान में एक रैली में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति और तुष्टीकरण के लिए सनातन धर्म का अपमान किया गया है। वहीं, एमपी में बीजेपी की एक रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्टालिन जूनियर के बयान को कोट करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयान देने में झिझक नहीं है। लेकिन क्या उदयनिधि का बयान इंडिया गठबंधन के सियासी रणनीति का हिस्सा है।

दिल्ली और मुंबई में मामला दर्ज

मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में शिकायत दर्ज कराई गई है। दिल्ली में एक वकील और हिंदू संगठन ने उदयनिधि के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वहीं, मुंबई में सत्तारूढ़ शिवसेना के शिंदे गुट की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। हालांकि, उदयनिधि पहले ही कह चुके हैं कि अगर उनके खिलाफ कोई केस दर्ज होता है तो वे उसका सामना करने के लिए तैयार हैं।

क्या था उदयनिधि का विवादित बयान ?

अभिनेता से राजनेता बने उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आयोजित एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि सनातम नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मलेरिया, मच्छर या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।

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