UGC: अपनी मात्र भाषा में दे सकेंगे परीक्षा, UGC ने जारी किये दिशा निर्देश

UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों को स्थानीय भाषा में परीक्षा देने की अनुमति दी है, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेज़ी में हो।

Update:2023-04-21 22:13 IST
यूजीसी ने अपनी छेत्रिय भाषा में परीक्षा लिखने की अनुमति प्रदान करी

UGC: यूजीसी के अध्यक्ष ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर स्थानीय भाषा में परीक्षा देने की अनुमति का आग्रह किया है। इससे सभी छात्र अपने छेत्र और छेत्रिय भाषा से जुड़ाव महसूस करेंगे और अधिक अंक प्राप्त कर सकेंगे।

यूजीसी के अध्यक्ष ने विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र

यूजीसी के अध्यक्ष ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में छात्रों को अपनी छेत्रिय भाषाओ में परीक्षा लिखने की अनुमति दी है। यूजीसी अध्यक्ष का मानना है कि इससे सभी स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा मिलेगा। पत्र में लिखा गया है कि छेत्रिय भाषा में परीक्षा लिखने से छात्र अपने छेत्र और मूल भाषा के प्रति जुड़ाव महसूस करेंगे। इससे छात्रों के सफलता दर में भी वृद्धि होगी। इससे 2035 तक विश्वविद्यालय की शिक्षा में जॉइंट एजुकेशन रेशियो (जीईआर) को 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। जीईआर को बढ़ाने के लक्ष्य को मज़बूती मिलेगी।

यूजीसी में छात्रों को पढ़ायी जाने वाली किताबो की सूची

इस पत्र में यूजीसी अध्यक्ष ने विश्वविद्यालयों में स्थानीय भाषा पढ़ाने के संदर्भ में पुस्तकों की सूची, स्थानीय संकायों की उपलब्धता, अगर छात्र क्षेत्रीय भाषा में उत्तर लिख सकते हैं और साथ ही उपयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई सारी योजनाओं के बारे में सूची तैयार कर भेजनी होगी।

- क्षेत्रीय भाषाओं का शिक्षा में प्रचार प्रसार के लिए शिक्षा विभाग ने माँगी सूची
- क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार प्रसार के लिए शिक्षा विभाग द्वारा
- पाठ्यक्रम और विषय के अनुसार पुस्तकें, गाइड जो भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध है।
- विषयों के हिसाब से जिस क्षेत्रीय भाषा में किताब लिखने की आवश्यकता है उसकी सूची विशवविद्यालयों को प्रदान (करनी ) होंगी।
- क्षेत्रीय भाषा में छात्र पेपर देने योग्य है या नहीं।
- क्षेत्रीय भाषा में पुस्तकों के प्रकाशन के प्रकाशक उपलब्ध है या नहीं इसकी सूची देनी होगी।
- क्षेत्रीय भाषा में खिताबी और नोट्स उपलब्ध कराने के लिए विशवविद्यालयों को अपना प्लान शेयर करना होगा।

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