Delhi Riots: उमर खालिद को दिल्ली HC ने दिया झटका, खारिज की जमानत याचिका, जेल में ही मनेगी दिवाली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को यूएपीए के आरोपी उमर खालिद (UAPA accused Umar Khalid) की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, कि वह अपील में किसी मेरिट का हकदार नहीं है।
Delhi Riots: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार (18 अक्टूबर 2022) को यूएपीए के आरोपी उमर खालिद (UAPA accused Umar Khalid) की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, कि वह अपील में किसी मेरिट का हकदार नहीं है। पीठ ने 9 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। खालिद ने 24 मार्च को निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।
उम्र खालिद पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), शस्त्र अधिनियम (Arms Act) और कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के 'बड़े षड्यंत्र मामले' में उस पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि मामले में दिल्ली पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया हुआ है।
पिछली सुनवाई में सुरक्षित रखा था फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल (Justice Siddharth Mridul) और जस्टिस रजनीश भटनागर (Justice Rajneesh Bhatnagar) की दो सदस्यीय बेंच ने दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी। जजों ने 9 सितंबर को पिछली सुनवाई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों जजों की बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया।
शरजील इमाम सहित कई अन्य भी आरोपी
गौरतलब है कि, वर्ष 2020 के फरवरी माह में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली (North East Delhi) में हुए दंगों संबंध में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उमर खालिद को 2020 में ही गिरफ्तार कर लिया था। शरजील इमाम (Sharjeel Imam) सहित कुछ अन्य लोगों के साथ दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को मुख्य आरोपी बताया था। जिसके बाद उस पर यूएपीए तथा आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया था।
उमर खालिद के वकील ने दी ये दलील
दिल्ली दंगों का आरोपी उमर खालिद इस समय जेल में बंद है। उसने सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उमर खालिद के वकील ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने ये दलील दी, कि इस हिंसा में न तो उसकी कोई आपराधिक भूमिका है और न ही किसी भी आरोपी के साथ आपराधिक संबंध। बावजूद अदालत ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी।