मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती, 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर

मोदी सरकार के ताजपोशी के बाद पहला दिन आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर लेकर आया। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सीएसओ द्वारा जारी बेरोजगारी का 2017-18 का आंकड़ा सरकार की चिंता बढ़ाने वाला है।

Update: 2019-06-01 03:04 GMT

नई दिल्ली: मोदी सरकार के ताजपोशी के बाद पहला दिन आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर लेकर आया। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सीएसओ द्वारा जारी बेरोजगारी का 2017-18 का आंकड़ा सरकार की चिंता बढ़ाने वाला है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 2017- 18 में बेरोजगारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो पिछले 45 साल में सर्वाधिक है। आम चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर जो रिपोर्ट लीक हुई थी। शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों में उसकी पुष्टि हो गई।

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आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी की दर अधिक है। अलग-अलग दोनों की बेरोजगारी दर की बात करें तो देश स्तर पर पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2, जबकि महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.7 फीसदी है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक शहरों की हालत गांवों से भी खराब है। शहरों में बेरोजगारी की दर गांवों की तुलना में 2.5 फीसदी अधिक है। 7.8 फीसदी शहरी युवा बेरोजगार हैं, तो वहीं गांवों में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी हैं।

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हालांकि, मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि रोजगार के इस नये सर्वेक्षण की पिछले आंकड़े से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि नये सर्वेक्षण में मापने के तौर-तरीके अलग हैं। इसकी पिछले आंकड़ों से तुलना ठीक नहीं। उन्होंने कहा ‘‘वह यह दावा नहीं करना चाहते कि आंकड़ा 45 साल का न्यूनतम या अधिक है क्योंकि यह एक अलग पैमाना है।’’

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बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष ने 45 सालों में सर्वाधिक बेरोजगारी दर को मुद्दा बनाया हुआ था। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावार था, लेकिन उस समय यह रिपोर्ट जारी नहीं हुई थी। यह रिपोर्ट लीक हुई थी इसी आधार पर विपक्ष सरकार पर हमला कर रहा था। हालांकि सरकार बार-बार विपक्ष के दावे को नकारती रही। अब आंकड़े सार्वजनिक हो जाने के बाद विपक्ष के दावों की ही पुष्टि हो गई है।

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