Monsoon Session: स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में बताया- 'मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं, 1970 से है मौजूद'
Monsoon Session: डॉ. मनसुख मंडाविया ने संसद में कहा कि,यह बीमारी नई नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, 'हमने कोरोना वायरस से मिली सीख को लागू किया है। इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है।
Union Health Minister on Monkeypox : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr. Mansukh Mandaviya) ने मंगलवार (02 अगस्त 2022) को संसद में बताया कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) कोई नई बीमारी नहीं है। इसलिए ज्यादा डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है। डॉ. मंडाविया ने सदन को बताया कि अफ्रीकी देशों (African Countries) में यह बीमारी वर्ष 1970 से मौजूद है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Dr Mansukh Mandaviya) ने ये जानकारी संसद में विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए तथा सरकार का पक्ष रखते हुए दी। आपको बता दें कि, मंगलवार को देश में मंकीपॉक्स का 8वां मामला सामने आया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक नाइजीरियन व्यक्ति को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया। जिसके बाद विपक्षी सांसद चिंतित दिखे। स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि भारत हर वो कदम उठा रहा है जो आवश्यक है।
मंडाविया बोले- यह 'नई नहीं है'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने आज पार्लियामेंट में कहा कि, 'यह (मंकीपॉक्स) बीमारी 'नई नहीं है'। उन्होंने आगे कहा, कि 'हम कोरोना वायरस (Corona Virus) और उससे मिली सीख को लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कि इस वायरस से डरने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।'
वर्ष 1970 से दुनिया भर में कई केस
डॉ. मनसुख मंडाविया ने आगे कहा, कि 'मंकीपॉक्स भारत सहित दुनिया के लिए कोई 'नई बीमारी' नहीं है। साल 1970 के बाद से दुनियाभर में जिनमें अफ्रीका में इसके कई सारे मामले देखे गए है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस पर खास ध्यान दिया है। जिसके बाद भारत में भी निगरानी शुरू हो गई।'
भारत ने पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने आज राज्यसभा (Rajya Sabha) को बताया, कि 'जब दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे, तो भारत ने पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी। केरल (Kerala) में जब मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था, तभी से हमने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए। हमने वैश्विक स्तर पर सरकारों को पत्र भी लिखे। साथ ही कहा, कि यात्रियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट भी हमें भेजी जाए।'