उमा भारती का दावा- पाक हमले के दौरान नेहरू ने मांगी थी संघ की मदद

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि देश की आजादी के बाद कश्मीर के भारत में विलय के दौरान कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले के समय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन प्रमुख एमएस गोल्वल्कर को पत्र लिखकर संघ कार्यकर्ताओं की मदद मांगी थी और संघ कार्यकर्ता सेना की मदद के लिए गए थे।

Update: 2018-02-14 05:58 GMT

भोपाल: केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि देश की आजादी के बाद कश्मीर के भारत में विलय के दौरान कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले के समय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन प्रमुख एमएस गोल्वल्कर को पत्र लिखकर संघ कार्यकर्ताओं की मदद मांगी थी और संघ कार्यकर्ता सेना की मदद के लिए गए थे।

उमा भारती का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सेना पर टिप्पणी को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने हालांकि भागवत की टिप्पणी पर सीधी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के ठीक बाद जब महाराज हरी सिंह कश्मीर के शासक थे और वह जम्मू कश्मीर के विलय पर हत्ताक्षर नहीं कर रहे थे और शेख अब्दुल्ला उन पर हस्ताक्षर के लिए दबाव बना रहे थे। नेहरू अनिर्णय की स्थिति में थे और पाकिस्तान ने अचानक आक्रमण कर दिया था और उसके सैनिक उधमपुर की ओर बढ़ गए थे। इस अप्रत्याशित आक्रमण के दौरान सेना तत्काल वहां पहुंचने के लिए हाईटेक इक्विपमेंट से लैस नहीं थी उस समय नेहरू जी ने गुरु गोल्वल्कर को संघ कार्यकर्ताओं की मदद के लिए पत्र लिखा था और स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू और कश्मीर गए थे।

विपक्षी दलों ने भागवत पर देश और सेना का अपमान करने का आरोप लगाया है। जिन्होंने कहा था कि आरएसएस खुद को तीन दिन में देश की रक्षा के लिए तैयार कर सकता है जबकि सेना को ऐसा करने में छह से सात महीने लगेंगे। संघ का कहना है कि श्री भागवत ने भारतीय सेना और संघ कार्यकर्ताओं की तुलना नहीं की है और उनकी बात का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।

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