कितना ताकतवर-कितना ज़रूरी! राफेल की इन खूबियों के बारें में जानते हैं?

आज भारत को राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएगा। जिसको लेने गृहमंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस पहुंच गए हैं। इस विमान को लेकर तरह-तरह के विवाद हुए, आरोप-प्रत्यारोप भी लगे, देश में लोगों के ज़ेहन में एक सवाल भी पैदा किया गया।

Update: 2023-07-23 13:57 GMT

नई दिल्ली: आज भारत को राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएगा। जिसको लेने गृहमंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस पहुंच गए हैं। इस विमान को लेकर तरह-तरह के विवाद हुए, आरोप-प्रत्यारोप भी लगे, देश में लोगों के ज़ेहन में एक सवाल भी पैदा किया गया। बहरहाल, राफेल आज भारत को मिल गया है और अब भारत भी उन देशों में शुमार हो गया है जिसके पास परमाणु शक्तियां हैं।

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डसॉल्ट राफेल या राफेल एक फ्रेंच दोहरे इंजन वाला, कैनर्ड डेल्टा विंग, मल्टीरोल डेसॉल्ट एविएशन द्वारा डिजाइन और निर्मित लड़ाकू विमान है। राफेल का उद्देश्य वायु वर्चस्व, हस्तक्षेप, हवाई पुनर्मिलन, जमीन समर्थन, गहराई से मार, विरोधी जहाज हड़ताल और परमाणु प्रतिरोध मिशन करने का है। राफेल को डेसॉल्ट द्वारा "ओमनीरोले" विमान के रूप में जाना जाता है। इन बातों से आप लोग आसानी से समझ पाएंगे राफेल की सुविधाओं के बारे में....

• राफेल विमान परमाणु मिसाइल डिलीवर करने में सक्षम।

• दुनिया के सबसे सुविधाजनक हथियारों को इस्तेमाल करने की क्षमता।

• इसमें दो तरह की मिसाइलें हैं। एक की रेंज डेढ़ सौ किलोमीटर है तो दूसरी की रेंज क़रीब तीन सौ किलोमीटर की है।

• परमाणु हथियारों से लैस राफेलहवा से हवा में 150 किलोमीटर तक मिसाइल दाग सकता है और हवा से ज़मीन तक इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर है।

• राफेलजैसा विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है।

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• ये भारतीय वायुसेना के इस्तेमाल किए जाने वाले मिराज 2000 का एडवांस वर्जन है।

• भारतीय एयरफ़ोर्स के पास 51 मिराज 2000 हैं।

• दासॉ एविएशन के मुताबिक, राफेलकी स्पीड मैक 1.8 है। यानी क़रीब 2020 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार।

• ऊंचाई 5.30 मीटर, लंबाई 15.30 मीटर। राफेलमें हवा में तेल भरा जा सकता है।

• राफेललड़ाकू विमानों का अब तक अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया, माली, इराक़ और सीरिया जैसे देशों में हुई लड़ाइयों में इस्तेमाल हुआ है।

• पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि राफेलका टारगेट अचूक होगा। राफेलऊपर-नीचे, अगल-बगल यानी हर तरफ़ निगरानी रखने में सक्षम है। मतलब इसकी विजिबिलिटी 360 डिग्री होगी। पायलट को बस विरोधी को देखना है और बटन दबा देना है और बाक़ी काम कंप्यूटर कर लेगा।

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